दिलीप घोष ने ‘कमर तोड़ने’ की कही बात

टीएमसी नेता कर ने दी ‘चीरने’ की धमकी

कोलकाता/जलपाईगुड़ी Dilip Da 13दे के कई राज्य सहित बंगाल में भी लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित होकर आज भी मदद की राह ताक रहें हैं। वहीं सत्ता की कुर्सी पर बैठे नेताओं की जुबान आग उगल रही है। साफ कहें तो बीजेपी हो या फिर तृणमूल ,इनके नेताओं में लगता है कि एक दुसरे को जैसे औकात समझाने और दोयम दर्जे के शब्दों का उपयोग कर जैसे जंग जितने की होड़ लगी है। जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पंचायत चुनाव से पहले तृणमूल की कमर तोड़ देने की बात कही तो वहीं तृणमूल नेता लिपन कर एक जन सभा में बोलते हुए लोगों से कहा कि आपको चीर दिया जाएगा अगर आपने बीजेपी को ज्वाइन किया।दिलीप घोष ने दुर्गापुर में चुनावी परिणाम को लेकर कहा कि वहां हमने अच्छा प्रदर्शन किया है । उन्होंने राज्य में चुनावी गठबंधन पर कहा कि पंचायत चुनाव से पहले हम तृणमूल की कमर तोड़ देगें। एक सवाल के जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि उक्त चुनाव में तृणमूल को खाली मैदान अब नहीं मिलेगा।वहीं दिलीप घोष से कई कदम आगे निकलते हुए धमकी भरे लहजे में तृणमूल नेता लिपन कर एक जन सभा में बोलते हुए लोगों से कहा कि आपको चीर दिया जाएगा अगर आपने बीजेपी को ज्वाइन किया।साफ कहें तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता तो इससे भी आगे निकल गए। तृणमूल कांग्रेस लीडर लिपन कर ने जलपाईगुड़ी में एक पब्लिक मीटिंग में बोलते हुए लोगों से कहा कि आपको चीर दिया जाएगा अगर आपने बीजेपी को ज्वाइन किया। लिपन के इस भाषण को लेकर अब राजनीति गरम हो गई है। तमाम स्तर पर इस नेता की निंदा की जा रही है।

इससे कुछ दिन पहले ममता बनर्जी भी राज्य में ‘‘भाजपा भारत छोड़ो’’ अभियान शुरू कर चुकी है। ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस सभी विपक्षी दलों के साथ मिल कर वर्ष 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए काम करेगी।ममता ने ‘‘ भाजपा 2019 में भारत छोड़ो’’ का नारा देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने देश में लोगों के अधिकार छीन लिए हैं। उन्होंने यहां ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन’’ के 75 साल पूरे होने के मौके पर ‘‘भाजपा भारत छोड़ो’’ आंदोलन की शुरूआत करते हुए आरोप लगाया कि धर्मनिरपेक्षता खतरे में है।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •