जल-थल मार्ग में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था

सागर में लगा सकते हैं 15 लाख पुण्यार्थी डुबकी

मंत्री ने किया नोटबंदी का व्यापक असर का दावा

सगरद्वीप से जगदीश यादव
सगरद्वीप। गंगासागर में मकर संक्रांती के पुण्य स्नान के दो दिन पहले ही गंगासागर में जन आस्था का जन आस्था का सैलाब धीरे धीरे उमड़ने लगा है। कचुबेरिया से ही तीर्थयात्रियों का रेला देखा जा रहा है। जहां देखों वहां ही तीर्थयात्रियों का जत्था भक्तिभवना के साथ सगरद्वीप की पवित्र धरती पर कदम रखकर अपने आप को निहाल समझ रहा था। वहीं कपिलमुनि मंदिर रंगीन प्रकाश सज्जा में जगमग कर रहा है। तमाम नगा ‍साधु समाज के लोगों का एक अलग संसार भी यहां बस गया है।एक संवाददाता सम्मेलन में पंचायत मामलों के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल संगम में मकर संक्रांती के अवसर पर कम से कम 15 लाख पुण्यार्थी पुण्य स्नान करेंगे। उन्होंने गंगा सागर मेला पर सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हर तरह की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उनके अनुमान के अनुसार आजतक लगभग सात लाख लोग सागरद्वीप में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि बजरंग परिषद के द्वारा यहां आये लापता लोगों को रखने और फिर उन्हें उनके परिजनों से मिलवाने का काम किया जा रहा है तो पांच लाख तरल पदार्थ के पाउच पु्ण्यार्थियों के हाथ दोने के लिये बितरण किये गये हैं. पेयजल के पाउच पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। एक प्रश्न के उत्तर में पंचायत मंत्री ने कहा कि गंगासागर पर भी नोटबंदी का व्यापक असर हुआ है और तमाम एनजीओ को इस समस्या  के कारण लोगों के सेवा में परेशानी की सामना करना पड़ रहा है।
वहीं दक्षिण चौबीस परगना जिले की डीएम पीवी सलीम ने एक बार फिर जिला प्रशासन सह राज्य सरकार की व्यवस्था को बेहतर बताते हुए  कहा कि मेले में सुरछा व्यवस्था हो या फिर निरमल स्नान पुण्य स्नान के तहत साफ सफाई से लेकर तमाम व्यवस्था दुरुस्त है। डीएम ने बताया कि फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि  ऐसे में कहा जा सकता है इस साल पुण्य स्नान के लिये तीर्थयात्रियों की संख्या में व्यापक तौर पर इजाफा होगा।
जिले के एसपी सुनील चौधरी ने कहा कि अभीतक सागरद्वीप से 11 पाकेटमारों को गिरफ्तार किया गाया है। पुलिस के आला अधिकारी से लेकर तमाम स्तर के
 9 हजार पुलिस कर्मी तैनात हैं। सुरक्षा व्यवस्था  चाक चौबंद है और ढ्रोन व हेलिकप्टरों से मेले पर निगाह रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 155 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं और जल से लकेर थल मार्ग पर भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था है।वाच टावरों से तमाम मेले पर निगाह रखी जा रही है।  वैसे तो करीब तीन लाख की आबादी वाला सागरद्वीप वर्ष भर सूना पड़ा रहता है, लेकिन मकर संक्रांति आते ही यह दुधिया रोशनी से जगमगा उठता है। इस मौके पर यहां लगने वाले गंगासागर मेले में हर बार की तरह विविध तरह के साधु-सन्यासी पहुंच चुके हैं। रंग-बिरंगे खिलौने और तरह-तरह के सामान से अटी दुकानों की कतार सजने लगी है। तीर्थयात्रियों की सेवा में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं जुट गई हैं। सागरतीर्थ का इतिहास बेहद समृद्ध है। इसमें किवंदंतियों से लेकर तमाम ऐतिहासिक साक्ष्य भी मौजूद है। पर, इन सभी के ऊपर आस्था सबसे भारी है।
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