कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा 36000 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने के आदेश के बाद बंगाल की राजनीति गरमा गई है और जुबानी जंग शुरू हो गई है। वहीं राज्य की प्राथमिक शिक्षा परिषद न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश को चुनौती देने पर विचार कर रही है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आज 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया। इसके तुरंत बाद बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल ने कहा कि उन्हें निर्देश उनके हाथों में नहीं मिला है। लेकिन इस संबंध में कानूनी सलाह ले रहे हैं। गौतम के शब्दों में, “अगर 36,000 शिक्षकों की नौकरी रद्द कर दी जाती है, तो हंगामा खड़ा हो जाएगा।” मामले पर बोर्ड कानूनी सलाह ले रहा है। हम इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने जा रहे हैं।पाल ने दावा किया, ‘जो लोग अभी काम कर रहे हैं उनके पास काम करने की सभी योग्यताएं हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि उनकी नौकरी चली जाए और बोर्ड उस जिम्मेदारी से इनकार कर दे। हम कानूनी सलाह ले रहे हैं। बोर्ड सही समय पर सही कदम उठाएगा। मुझे विश्वास है कि बोर्ड अपनी उचित जिम्मेदारियों को पूरा करेगा।कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक पद की 36 हजार नौकरियों को रद्द कर दिया है.2016 के प्राथमिक पैनल की 36,000 भर्तियों को रद्द करने का आदेश दिया है. जो लोग पहले ही प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं, उनके पास नौकरी होगी। कोर्ट ने तीन महीने के भीतर नई भर्ती करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार माणिक भट्टाचार्य के पैसे से नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी. जज ने कहा कि, नौकरी रद्द होने पर भी अगले चार महीने स्कूल जा सकेंगे और उक्त लोगों का वेतन पारा शिक्षक के रूप में होगा।

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