कहा- भारत हिन्दू राष्ट्र बन कर रहेगा

नकुल कुमार मंडल

फोटो- अमित मंडल

सागरद्वीप। सबकी अपनी मर्यादा होती है। पीएम भी अपनी सीमा में काम करें। दादागिरी ठीक नहीं है। अति सम्मान की आशा में  उपहास के पात्र नहीं बनें। कारण कई बार आदमी अति सम्मान की आशा में उपहास का पात्र बन जाता है। उक्त बात आज गंगा सागर में पूर्वाम्नाय श्री गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कही। उन्होंने  कहा कि राजनीतिक दल अपनी मजबूरी व दोहरेपन के चलते कई बार देश व धर्म हितों की अनदेखी कर जाते हैं। मोक्षनगरी गंगा सागर में भी मीडिया कर्मियों के सवालों के जवाब में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने  कहा कि, वह श्री राम व अयोध्या के विरोधी नहीं हैं और उनका रिश्ता अयोध्या से है और रहेंगा। लेकिन सनातन संविधान को भगवान यानी यमराज भी मानते हैं और हर क्षेत्र में शास्त्र व अनुशासन जरूरी होता है। अति उन्माद में कुछ भी करना हितकर नहीं होता है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने  कहा कि, आप लोग जानते हैं कि, शंकराचार्य के पद की मर्यादा होती है और वह राम लला के कार्यक्रम में जाकर ताली नहीं बजा सकते हैं। उन्होंने कहा है कि,  पीएम मोदी रामलला की मूर्ति को छूएं और वह वहां खड़े होकर ताली बजाएं, यह उनकी गरिमा के खिलाफ है। पीएम को सनातन धर्म का संरक्षण करना चाहिए। हर क्षेत्र में दखल उचित नहीं होता है। संविधान की सीमा में, धार्मिक, आध्यात्मिक क्षेत्र में विधि का पालन विधिवत हो। हर क्षेत्र में दखल करने में राजनेता का उन्माद माना जाता है। शंकराचार्य ने कहा कि, श्री राम जी यथा स्थान प्रतिष्ठित हों, आवश्यक है। लेकिन शास्त्र सम्मत विधि के अनुपालन करके ही उनकी प्राण प्रतिष्ठा हो, यह भी आवश्यक है। जो प्रतिमा होती है, विग्रह होता है, मूर्ति होती है, विधिवत उसमें भागवत का सन्निवेश होता है। उन्होंने आगे कहा, विधिवत पूजा प्रतिष्ठा न होने पर अड़चन आती है। विग्रह में, मूर्ति में डाकनी, शाकनी, भूत प्रेत-पिशाच इन सबका प्रवेश हो जाता है। वे डाकनी, शाकनी, भूत-प्रेत, पिशाच विप्लव मचा देते हैं। शास्त्र सम्मत विधि से राम जी की प्रतिष्ठा हो। शंकराचार्य शासकों पर भी शासन कर सकते हैं। भगवान शालिग्राम की प्रतिष्ठा शास्त्र सम्मत हो नहीं तो समस्या हो सकती है। जहां तक हिन्दु राष्ट्र की बात है तो भारत हिन्दू राष्ट्र व एशिया महाद्वीप हिन्दू महाद्वीप  बनेगा। दलाली के कारण देश में मंहगाई बढ़ रही है। शंकराचार्य ने कहा कि, ममता व मोदी एक साथ काम करें  सब ठीक होता चला जाएगा। भारत की सीमा तो सुरक्षित है लेकिन देश अंदर से खोखला होता जा रहा है और यहां राजा कोई नहीं है और मंत्री अनेकों हैं। शंकराचार्य ने गंगा सागर के मामले पर कहा कि किसी भी तीर्थ स्थल को विकास के नाम पर दिशाहीन नहीं किया जाये। यहां पर्यटन को थोपकर तीर्थ के मूल स्वरूप को नष्ट नहीं करें। एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा, मैं 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जा रहा हूं। अयोध्या से मैं नहीं रूठा हूं। अयोध्या जाता रहता हूं। लेकिन मेरा कार्यक्रम अयोध्या जाने का नहीं है।

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