दार्जिलिंग। पहाड़ अब भाषा के नाम पर अशांत है।  नेपाली भाषा की उपेक्षा कर बांग्ला भाषा थोपने के विरोध में गोजमुमो का आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। इसके तहत आज हिल्स के अलग-अलग इलाकों में रैली निकाली गयी। आज की रैली गोरखा रंगमंच से शुरू होकर गांधी रोड, डीबी गिरी रोड, काकाझोड़ा राजमार्ग होते हुए चौक बाजार में आकर समाप्त हुयी। जुलूस में पार्टी के महिला व पुरुष समर्थक पारंपरिक पोशाक धारण में थे। आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सरकारी आवास रिचमंड हिल में पहुंचे थे। इससे पहले ही गोजमुमो समर्थकों ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
आज का जनसैलाब भले ही जातीय भावना से ओतप्रोत हो। लेकिन इसमें गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग, पत्नी आशा गुरुंग, महासचिव रोशन गिरी समेत अन्य प्रमुख नेता गायब थे।
जुलूस के नेतृत्व में महकमा समिति के शीर्ष नेता मौजूद थे। दार्जिलिंग नगरपालिका के चेयरमैन डीके प्रधान ने कहा कि भाषा अतिक्रमण के माध्यम से गोरखालैंड आंदोलन को दबाने की कोशिश है। इसे किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। छठी अनुसूची में मान्यता प्राप्त भाषा का सम्मान करना राज्य सरकार का क‌र्त्तव्य है। गोरखा जातीय एकता को भंग करने की साजिश हो रही है।
महकमा समिति के सचिव शरद राई ने कहा कि नौ पार्षद वाले महकमा को सरकार करोड़ों रुपये दे रही है। लेकिन 20, 23 व 32 पार्षद वाले नगरपालिका को धनराशि से वंचित रखा जा रहा है। सरकार के पक्षपात पूर्ण रवैये के कारण आंदोलन जारी रहेगा।
बुधवार को सरकारी महाविद्यालय से निकलकर गोरखा रंगमंच भवन में आकर समाप्त होगी।
ज्ञातव्य है कि बांग्ला भाषा की अनिवार्यता के विरोध में रविवार से हीकालिम्पोंग, दार्जिलिंग, कर्सियांग व मिरिक में प्रतिवाद रैली निकाली जा रही है। इसके तहत गोजमुमो के विभिन्न संगठनों ने अलग-अलग क्षेत्रों में काला झंडा दिखाकर अपना विरोध जता रहे हैं। मंगलवार को विमल गुरुंग ने पहाड़ बंद करने की चेतावनी दी थी।
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