जगदीश यादव
सगारद्वीप। मोक्षधाम के रुप में ख्यात गंगासागर दक्षिण चौबीस परगना जिले के सागरद्वीप को ही कहा जाता है। यहां इन दिनों गंगासागर मेले की धूम है।सागर द्वीप दुनिया के सबसे बड़े डेल्टा के द्वीप समूहों वाले सुंदरवन का सबसे बड़ा द्वीप है। गंगासागर मेले में यहां पुण्य स्नान के लिये लाखों पुण्यार्थी देश भर से आते हैं। यह अलग बात है कि इस बार मेले में कोरोना के डर से पुण्यार्थियों की उतनी भीड़ नहीं देखी जा रही है, जितना गुजरे वर्षों में देखा जाता रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार के दावों की माने तो यहां तीस लाख तक पुण्यार्थी आते हैं। ऐसे में देश सहित पश्चिम बंगाल में भी कोरोना व संक्रमण के हालात के मद्देनजर सागद्वीप में कोरोना के संक्रमण से इंकार नहीं किया जा सकता है। उक्त अंदेशा स्थानीय लोगों से लेकर दुकानदारों तक ने बातचीत में व्यक्त की है। स्थानीय लोगों व  दुकानदारों की माने तो अगर सागरद्वीप में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला तो घोड़ामारा व मौसुनी जैसे द्वीप में कोरोना फैल जाएगा और हालात बद से बदत्तर हो सकते हैं। स्थानीय लोगों ने आज दावा किया कि, घोड़ामारा व मौसुनी जैसे द्वीपों से गंगासागर में वहां रहने वाले लोगों का आनाजान होता है और गंगासागर से लोग इन दोनों द्वीपों पर आते जाते हैं। यहां उनके परिजन भी रहते हैं। ऐसे में सागरद्वीप यानी गंगासगार में कोरोना के संक्रमण से घोड़ामारा व मौसुनी जैसे द्वीप के लोगों को खतरा हो सकता है। सागरद्वीप के ग्रामीण बताते हैं कि बेडफोर्ड, लोहाचारा, कबासगड़ी, सुपारीभांगा जैसे द्वीप पहले ही समुन्द्र में विलुप्त हो चुके हैं। जबकि समुन्द्र तेजी से घोड़ामारा व मौसुनी जैसे द्वीप को निगलने के लिये बढ़ रहा है। घोड़ामारा व मौसुनी जैसे द्वीप भारतवर्ष व राज्य पश्चिम बंगाल ही नहीं दुनिया के लिये किसी धरोहर से कम नही है। जबकि गंगासागर मेले के लिए प्रसिद्ध सागरद्वीप पर भी तेजी से कोरोना खतरा मंडरा रहा है। करीब दो लाख सत्तर हजार की आबादी वाला सागरद्वीप जिनमें से 25 हजार लोग आसपास के डुब चुके द्वीपों के शरणार्थी बताये जाते हैं। सुंदरवन विकास बोर्ड के मूल्यांकन के मुताबिक पिछले कुछ दशकों में सागरद्वीप 30 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल खो चुका है। द्वीप का कुल क्षेत्रफल 225 वर्ग किलोमीटर है। बहरहाल घोड़ामारा व मौसुनी सहित सागरद्वीप जहां पहले से ही समुन्द्र की बढ़ती भूख के शिकार होते रहें हैं। अगर कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा तो इन द्वीपों के लोगों के लिये गंगा सागर मेला जबरन थोपा गया मुसिबत ही साबित होगा। कारण देश भर से पुण्यार्थी गंगासागर में पुण्य स्नान के लिये आये हैं।

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