फिर हुआ हंगामा व विरोध प्रदर्शनक़ॉलेज से टीएमसीपी का बहिष्कारफोटो रमेश राय
कोलकाता। एक बार फिर बेहाला कालेज में दो गुटों के बीच तनातनी व संघर्ष के कारण आज दिन भर कॉलेज में हंगामा का दौर चलता रहा और फिर स्थिती को काबू में करने के लिये पुलिस को मैदान में आना पड़ा। कालेज की प्रिंसिपल डॉ. शर्मिला मित्रा ने के निर्देश पर उक्त कॉलेज की एक यूनियन तृणमूल छात्र परिषद को शिक्षण संस्थान से बहिष्कृत कर दिया गया लेकिन खबर के लिखे जाने तक तनातनी बरकारा रही। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. शर्मिला मित्रा ने आज संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि इस कॉलेज में एक ही यूनियन थी जिसे शिक्षण संस्थान से बहिष्कृत कर दिया गया स्थिती काबू में है और यहां किसी तरह की कोई परेशानी फिलहाल नही है। इधर मामले पर उक्त यूनियन की अध्यक्ष झूमा दास ने आरोप लगाया कि वेबजह बाहरी लोगों द्वारा यहां हंगामा किया जा रहा था और दहशत फैलाया जा रहा है। टीएमसीपी के अलावा यहां कोई और यूनियन ही नही है। बता दे कि बिते दिनों से कॉलेज में उपस्थिति बढ़ाने के एवज में पैसे लेने का मामला सामने आया था। आरोप है कि पैसे लेकर कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के विरोध में शनिवार सुबह भी कॉलेज में छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। उफक्त धड़े के छात्र-छात्राओं का आरोप है कि पैसे लेकर कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाई जा रही है। इस ठगी को बंद करने की मांग पर शनिवार दिनभर भी विद्यार्थियों का प्रदर्शन चलता रहा। प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों का कहना है कि यह सारी ठगी कॉलेज यूनियन के लोग कर रहे हैं। यूनियन की ओर से पैसे लेकर सबकी उपस्थिति चोरी-चुपके बढ़ाई जा रही है। वहीं यूनियन पर काबिज तृणमूल छात्र परिषद का कहना है कि यूनियन पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। यूनियन की ओर से किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया है। बता दे कि मामले पर बेहला कॉलेज में उपस्थिति बढ़ाने के नाम पर पैसे वसूलने की खबर को सुनकर शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी बिफरे थे। मंत्री ने कहा था कि इस प्रकार के आरोपों की जांच होगी। बेहला का इलाका उनका स्वंय का इलाका है। कॉलेज में हुई इस गड़बड़ी के संबंध में वे स्थानीय पार्षद से भी बातचीत करेंगे। दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। बावजूद आज पिर हंगामा हुआ।
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