खेल रहें कई बच्चे बाल बाल बचे
इंजिनियरों ने दिखायी थी इस पुल को ङरी झंडी
पुल के निर्माण सामग्री पर उठे सवाल

रमेश राय
कोलकाता। लगता है कि राज्य सरकार के दिनमान ठीक ठाक नहीं चल रहे है। एक के बाद एक करके हो रहे हादसों ने सरकार की चिंता जहां बढ़ा दी है वहीं व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहा है। माझेरहाट पुल हादसे से लेकर बागड़ी मार्केट की आग को लोग अभी भूले नही थें कि अब एक और पुल धारासायी हो गया है। जी हां, दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में कालनागिनी नदी पर बन रहा एक पुल आज सुबह चरमरा कर गिर गया। पुल के गिरते ही व्यवस्था पर ही सवाल तोजी के साथ खड़े होने लगे है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। खबर के लिखे जाने तक जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। पुल का मलवा हटाने सहित अन्य जरुरी काम भी शुरु कर दिये गये है। स्थानीय और पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत दो वर्षों से कालनागिनी नदी पर सेतु का निर्माण कार्य चल रहा था। इस सेतु के निर्माण से मूलतः काकद्वीप अंचल के पश्चिम स्टीमर घाट और पश्चिम गंगाधरपुर, दोनों इलाके आपस में जुड़ जाते। घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सेतु के ढलाई के समय ही विभिन्न समस्याएं देखी गई थीं| इससे अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। यहां तक कि स्थानीय लोगों की बार-बार की शिकायत पर अधिकारियों का उनसे विवाद भी हो गया था। इस पुल के गिरने के बाद से आरोपों की झड़ी लगनी शुरु हो गयी है। लोगों का आरोप है कि पुल का गिरना साबित करता है कि पुलि में जो निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया था वह निम्न स्तर का रहा होगा। वरना बनने से पहले पुल क्यों गिरती। बहरहाल पुल के गिरने को लेकर एक जांच कमेटी भी तैयार की जा रही थी। जांच के बाद ही पता चलेगा कि पुल के गिरने के पीछे क्या कारण है और दोषी कौन है। सबसे राहत की बात है कि पुल के आसपास ही तमाम बच्चे खेल रहें थें लेकिन कोई इस घटना में आहत नही हुआ है। वहीं कुछ दिनों पहले ने इंजिनियरों ने इस पुल में लगे भवन निर्माण सामग्री को हरी झंडी दिखायी थी।

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