जगदीश यादव
अगर हम अपने देश भारत वर्ष की बात करे तो इस देश की धरती अपने सीने में तमाम रहस्यों को समेटे हुई है। कहते हैं कि मानो तो देव वरना पत्थर। अपनी खुबसुरती व नैसर्गिता के लिये दुनियां भर में प्रसिद्ध उत्तराखंड की बात ही कुछ अलग है। स्थानीय लोगों की माने तो यहां के कुमाऊं मंडल में गंगोलीहाट कस्बे में एक रहस्यमयी गुफा है। इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है। पाताल भुवनेश्वर गुफा में तमाम रहस्य कैद है। इस गुफा से जु़डी ऎसी तामाम जन श्रुतियां व मान्यताएं जिनका उल्लेख कई पुराणों में है। इस गुफा के बारे में स्थानीय लोगों व कई तरह के दस्तावेजों से पता चलता है कि उक्त गुफा में दुनिया के समापन होने का भी रहस्य छुपा हुआ है। बहरहाल हम ऐसे दावे नहीं कर रहें है, लेकिन लोगों का तो यही कहना है। इस गुफा के विषय में स्कंद पुराण में उल्लेख है। इस पुराण के अनुसार इस गुफा में भगवान शिव बसते हैं। यहीं नहीं देवों के देव शिव की अराधना व पूजा सभी देवी-देवता इस गुफा में आकर करते हैं। वैसे अगर आपकों इस जगह आने का अ वसर या कहे कि सौभाग्य प्राप्त होता है तो गुफा के अंदर जाने पर आपको कई अलौकिक चीजों की अनुभुति हो सकती है। यहां पर गुफा के संकरे मार्ग से जमीन के अंदर लगभग दस फीट नीचे जाने पर गुफा की दीवारों पर कई ऎसी आकृतियां आपकों हैरत में डाल सकती है। खास तौर पर यहां यह आकृति एक हंस की है । इस हंस के बारे में कहा जाता है कि यह ब्रह्मा जी का हंस है। गुफा के अंदर एक यहां हवन कुंड है। जिसके बारे में मान्यता है कि इसी में जनमेजय ने नाग यज्ञ किया था और यहीं सभी सांप अग्नि में जलकर राख हों गये थे। लेकिन तक्षक नाग बच गया था । कुंड के पास एक सांप की आकृति है। जिसे तक्षक नाग कहते है । यह यही तक्षक नाग है जिसने राजा परीक्षित को काटा था। मान्यता है कि पाताल भुवनेश्वर गुफा में एक साथ चार धामों के दर्शन होंते है। कहा जाता है कि इस गुफा में एक साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ के दर्शन होते हैं। इस रहस्यमयी गुफा के बारे में कहा जाता है कि पाण्डवों ने इस गुफा के पास तपस्या की थी। यह भी कहा जाता है कि गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी। एक खास बात यह है कि इस गुफा में चार खंभे है जो चार युगों अर्थात सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग के प्रतिक भी माने जाते है। इसके अलवा इस गुफा में कई रहस्य छुपे है जिसके बारे में तमाम तरह की बाते कही सुनी जाती है।