तृणमूल ने किया विपक्ष के आरोपों को खारिज
सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने हिंसा पर भाजपा व माकपा को ठहराया जिम्मेदार

कोलकाता। राज्य के पंचायत चुनाव में जिस तरह से हिंसा सहित खून खराबे की घटनाएं घटी है उक्त स्थिति पर राज्य की सत्ताधारी सरकार पर विपक्ष ने जमकर जुबानी हमले किये। आज पंचायत चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी और माकपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंसा और अव्यवस्था का आरोप लगाया है। वहीं टीएमसी ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। हिंसा को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।बीजेपी नेता और केंद्र सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘सुबह से हो रही घटनाओं से जरा भी आश्चर्य नहीं हो रहा है। बंगाल की सरकार बेशर्म है। आप इस सरकार से यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि किसी भी तरह का संवैधानिक व्यवहार करे। मैं प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करता हूं।’ प्रदेश भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘ बंगाल में पंचायत चुनाव का मतदान के दौरान हिंसा जमकर हुई है। पिछले 24 घंटों में 4 और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई। सरकार के मंत्री रविन्द्र घोष ने पोलिंग बूथ पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को मारा।’ वहीं तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने हिंसा के लिए बीजेपी और माकपा को ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘सीपीएम और बीजेपी चुनाव को लेकर हताश हो चुके हैं। वे लोग पूरे प्रदेश भर में तृणमूल कर्मियों पर हमला करने के लिए माओवादियों का सहारा ले रहे हैं। जानबूझकर समस्या खड़ी की जा रही है। क्या यही लोकतंत्र है?’ बीजेपी के इन आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस के महा सचिव व राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘हिंसा की छिटपुट वारदात ही हुई है। किसी भी बड़ी घटना की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। जहां-जहां हिंसक घटनाएं हो रही हैं, वहां प्रशासन मुस्तैद है। मतदान शांतिपूर्वक तरीके से हो रहा है। पत्रकारों पर जो हमले हुए, उसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं।’ वहीं माकपा के नेता सीताराम येचुरी ने भी प्रदेश में जारी हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मैं लोकतंत्र में इस तरह के खून-खराबे को देखकर आश्चर्यचकित हूं। देश को बचाने के लिए फासीवादी ताकतों को रोकना होगा।’ अमडंगा के ही पांचपोता में बम धमाके में एक सीपीएम कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इससे पहले शनिवार को सीपीएम के एक कार्यकर्ता देबू दास और उसकी पत्नी ऊषा दास को जलाकर मार डालने की घटना भी सामने आई है। पार्टी ने घटना के लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है। ज्ञात रहे कि राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा की घटनाएं घटी हैं। अलग-अलग स्थानों पर हुई झड़पों में लगभग 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, जबकि 10 लोगों की मौत की खबर भी है। राज्य के कई हिस्सों से बूथ दखल, वोटरों को धमकाने और बैलट इधर-उधर करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बैरकपुर में बीजेपी के एक प्रत्याशी की चाकू मारकर हत्या कर दी गई।

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