2001 में इस राज्य में भी गई थी 45 लोगों की जान
2011 में बांग्लादेश में इस बीमारी ने छीऩी 100 से ज्यादा लोगों की जान
चमगादड़ों के खाए फलों से फैलता है निपाह

कोलकाता। केरल में तमाम लोगों की मौत का कारण बन चुके चमगादड़ इस राज्य के लिये भी खतरा पैदा कर सकते है। केरल को अपनी चपेट में लेने वाले दुर्लभ निपाह वायरस का प्रकोप बंगाल में भी फैल सकता है। अभी तक 10 लोगों की मौत का कारण बन चुका यह खतरनाक वायरस पहले भी राज्य में कई लोगों की जिंदगी ले चुका है। पुराने अनुभवों के कारण राज्य में अलर्ट जारी है। प्रदेश के डॉक्टरों और वाइरॉलजी विशेषज्ञ लगातार प्रशासन और जनता से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं। नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के रिटायर्ड डॉक्टर एन. बी. देबनाथ ने कहा, ‘निपाह वायरस हमारे प्रदेश में पहले से ही मौजूद है। यह संक्रामक और प्राणघातक है। गर्मी के इस मौसम में फल बहुत होते हैं और यह वायरस चमगादड़ों के खाए फलों से फैलता है। इसलिए सभी को सावधान रहने की जरूरत है।’ इस राज्य में वर्ष 2001 में एक अनजान बीमारी की वजह से 45 लोगों की जान चली गई थी। उस वक्त पुणे के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वाइरॉलजी ने अचानक से तबीयत खराब होने की वजह निपाह वायरस को करार दिया था। इसी तरह 2007 में भी नादिया जिले में इस वायरस की वजह से 5 लोगों की मौत हो गई थी। बांग्लादेश में 2011 में इस बीमारी ने 100 से भी अधिक लोगों की जीवनलीला समाप्त कर दी थी। उस वक्त उत्तरी बंगाल के कई जिलों में भी इस विषाणु का प्रकोप देखने को मिला था। गौरतलब है कि केरल सरकार ने पुष्टि की है कि निपाह विषाणु के कारण उत्तरी केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में अब तक 10 लोगों की मौत हुई है और अस्पताल में विषाणु संबंधी बीमारी का उपचार करा रहे दो मरीजों की हालत गंभीर बताई गई है।

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