चिकित्सकों ने पहले ही कर दी थी बच्चों की मौत की पुष्टी
तालाब में डूबने से गई थी बच्चों की जान

संतोष ‘विज्ञानदेव’

कोलकाता। अफ्रीका के किसी जंगल या फिर कबीले में रह रहें किसी आदिम जनजाती नहीं बरन देश के मानचित्र में विकास की राह में उल्लेखनीय स्थान रखने वाले इस राज्य में तंत्र मंत्र के नाम पर जीवनतल्ला में जो भी हुआ उक्त घटने से पूरा समाज ही सवालों के घेरे में खड़ा है। दो बच्चो की मौत तालाब में डूबने से होने और अस्पताल में चिकित्सकें द्वारा उक्त दोनों बच्चो को मृत घोषित किये जाने के बाद भी एक ओझा ने मृत दोनों बच्चों को जीवित करने के नाम पर घंटों झाड़ फूंक के पाखण्ड को अजाम तो दिया लेकिन बच्चों के शवों में जान तो आना नही था और जान आने की बात तो दूर शवों में हरकत भी नहीं हुई। यूं कहें कि बच्चे फिर जीवित नहीं हुए। पुलिस ने बताया कि घटना दक्षिण 24 परगना जिले के जीवनतला थानांतर्गत मटेरदिघी ग्राम की है। मृत बच्चों के नाम नमिता गायन (5) और पुष्पेन गायन (5) हैंं। ये बच्चें संबंध में भाई-बहन थे। सूत्रों के अनुसार मेटरदिघी के निवासी गणेश गायन की बेटी नमिता और कार्तिक गायन का बेटा पुष्पेन शनिवार की सुबह से अचानक लापता हो गये थे। काफी तलाशने के बाद स्थानीय लोगों ने देखा कि नमिता और पुष्पेन का शरीर घर के पास तालाब में है। दोनों के शवों को तालाब से निकाल कर स्थानीय मटेरदिघी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने नमिता और पुष्पेन दोनों को मृत घोषित कर दिया लेकिन बच्चों के परिजनों ने चिकित्सकों की बात पर विश्‍वास नहीं किया। इसके बाद परिजनों ने मृत बच्चों के शव कस्थानीय एक ओझा के पास ले गया। ओझा ने दोनों बच्चों को उसी तालाब में ले गया, जहाँ से उन्हें बरामद किया गया था। मृत बच्चों के शव को तालाब के पानी में उनके गले तक डूबाया गया। इसके बाद ओझा ने बच्चों को जीवित करने के लिए झड़फूँक शुरू की। लगभग 4 से 5 घंटे तक झाड़फूँक करने के बच्चों को जीवित नहीं करने में ओझा नाकाम रहा। इस पर ओझा ने कहा कि तालाब के पानी से इन बच्चों को पहले ही निकाल लिया गया था। यदि इससे पहले ही तालाब में ही बच्चों की झाड़फूंक की जाती तो उन्हें जीवित करना संभव होता। मामले पर बात करने पर भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति के अध्यक्ष प्रबीर घोष ने कहा कि जहाँ तंत्रमंत, झाड़फूंक से किसी का इलाज करने का दावा तक करना कानूनन जुर्म है, वहीं चिकित्सकों द्वारा दो बच्चों को मृत घोषित करने के बाद एक ओझा ने बच्चों को जीवित करने के लिए जो झाड़फूंक की, इसके लिए ओझा को गिरफ्तार करना चाहिए। पुलिस को इस घटना में मृत बच्चों को जीवित करने की कोशिश करने के आरोप में अभियुक्त ओझा को गिरफ्तार करना चाहिए।

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