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कोलकाता। पीएनबी, ओबीस के बाद अब केनरा बैंक के साथ भी पांच सौ करोड़ रुपये फ्राड का मामला सामने आया है। यह आरोप कोलकाता की कंप्यूटर कंपनी आरपी इंफोसिस्टम और इसके निदेशकों पर लगा है। सीबीआई ने कंपनी और डायरेक्टर शिवाजी पांजा, कौस्तुव रे, विनय बाफना और उपाध्यक्ष देबनाथ पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसमें शिवाजी पांजा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी बताए जाते हैं। वह फरवरी 2015 में वह ढाका से लौटते समय कोलकाता में गिरफ्तार कर लिए गए थे, जब दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा के लुकआउट सर्कुलर पर उन्हें कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था।पांजा ममता बनर्जी के साथ तीन दिन के नान-ऑफिशियल दौरे पर बांग्लादेश गए थे। जब गिरफ्तारी हुई तो ममता बनर्जी ने सफाई देते हुए कहा था कि किसी शख्स के कारोबारी गतिविधियों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जून 2015 में सीबीआई ने पांजा, कंप्यूटर कंपनी आरपी इंफोसिस्टम्स और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज हुआ। तब मामला आईडीबीआई बैंक से 180 के करोड़ के लोन फ्राड से जुड़ा था। ताजातरीन मामले में सीबीआई ने पांजा के साथ कंपनी के डायरेक्टर्स कौस्तुव रे, विनय और वाइस प्रेसीडेंट देबनााथ पाल और केनरा बैंक के अज्ञात कर्मियों पर केस दर्ज किया है।शिकायतों के मुताबिक केनरा बैंक ने आरपी इंफोसिस्टम पर 10 बैंकों के समूह से फर्जी दस्तावेजों के सहारे 515.15 करोड़ रुपये लोन फ्राड का इल्जाम लगाया है। आरोपियों ने केनरा बैंक के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और फेडरल बैंक से भी लोन हासिल किया।

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