कोलकाता/सिलीगुड़ी। प्यार एक ऐसा एहसास है जो किसी को भी हो सकता है। बस इसके लिये दिल की जरुरत होती है। लेकिन प्यार करने के लिये सिर्फ इंसानों में ही दिल नहीं होता । हाथी जैसे जंगली जानवर भी इंसान के प्रेम में भावुक हो जाते हैं। आपको बता दें कि उक्त खबर उन  चार हाथियों की जो अपने मालिक से अलग हो जाते हैं लेकिन अलग होने के बाद इनका जुड़ाव देखकर वन विभाग के अधिकारी भी अवाक देखते रह गए।दरअसल, सिलीगुड़ी के एक छोटे से गांव में रहने वाले कयामुद्दीन के पास चंपा, माला, सावित्री और चंचला नाम के चार हाथी थे। चारों को कयामुद्दीन बड़े प्यार से रखता था। चारों एक सर्कस में काम कर करते थे। चारों 25 सालों से कयामुद्दीन के पास रहते थे।

वहीं एक दिन अचानक सेंट्रल जू अथॉरिटी की टीम ने आकर हाथियों को नीरीक्षण किया और उनका सही देखरेख न होने की बात कहकर उन्हें अलग-अलग जगह वन विभाग की देखरेख में भेज दिया।जहां सावित्री और माला को सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में भेजा गया वहीं चंपा और माला को जलपायगुरी भेज दिया गया। सावित्री और चंचला के साथ कयामुद्दीन को भी ले जाया गया। यहां तक तो ठीक था लेकिन अपने मालिक से बिछड़े सावित्री और चंचला ने विभाग के अंदर जाने से इनकार कर दिया। कई दिनों तक खाना भी नहीं खाया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार कयामुद्दीन को सिलीगुड़ी से बुलाना पड़ा तब जाकर दोनों अंदर जाने को तैयार हुए लेकिन कयामुद्दीन के जाते ही दोनों हाथी रोने लगे लेकिन कयामुद्दीन उन्हें ठीक से रहने की हिदायत देकर भारी मन से वापस आ गया। वहीं डीएफओ सुमित घटक का कहना है कि ये कोई लगाव का वाकया नहीं है। नई जगह देखकर हाथियों को मुश्किल हो रही है, कुछ दिनों में उन्हें वहां की आदत हो जाएगी। खैर जो भी हो लेकिन प्रेम या लगाव की बात ही कुछ अलग ही है।

 

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