अस्पताल में पंडितजी ने कहा जिन्दगी को अलविदा

कोलकाता। महानगर के बेलघरीया में जो घटना घटी वह दुखद होने के साथ ही मानवता को शर्माशार करने वाला भी है।  खबरों की माने तो यहां एक जोड़े की  शादी के दौरान पुरोहित की तबीयत खराब हो गयी और वह बेहोश हों गये। लेकिन यहां मौजूद लोग जश्न में डूबे रहें। हैरान कर देने वाली बात यह है कि शादी की तैयारी में व्यस्त दुल्हन के परिवार से किसी ने भी उक्त घटना पर ध्यान नहीं दिया। बेलघरीया के जतिन दास कॉलोनी निवासी पुरोहित प्रणब चक्रवर्ती (63) अपने पड़ोसी सुदन चौधरी के घर उनकी बेटी की शादी के रीति-रिवाजपूरी करवाने गए थे।शादी आधी रात को हो रही थी। प्रणब के परिवार का आरोप है कि 11 बजे के करीब अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई लेकिन उन्हें शादी की रीति-रिवाज पूरी करने के लिए दबाव बनाया गया। शादी के बाद उनकी स्थिति और अधिक बिगड़ गई। प्रणब के बेटे तमल ने बताया, ‘मैं एक दूसरे शादी समारोह में गया था। घर वापस आने के बाद मैंने देखा कि पिताजी घर पर नहीं है। किसी ने मुझे कॉल करके पिता को ले जाने को कहा। मैंने अपने एक दोस्त के साथ भागकर मैरिज हॉल गया। वहां लाइट बुझी हुई थी। वहां सिर्फ सुदन और उनके भाई की पत्नी मौजूद  वहीं मेरे पिता सीढ़ियों पर गिरे हुए थे।’ तमल तुरंत अपने पिता को लेकर सबसे पहले सागर दत्ता अस्पताल लेकर गए और फिर दूसरे प्राइवेट अस्पताल लेकर गए। अगले दिन उन्हें कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया लेकिन तमल की सारी कोशिशें बर्बाद हो गईं। उसी दिन शाम को प्रणब की मौत हो गई। सुधान के भाई सिद्धार्थ खुद पेशे से एक डॉक्टर हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने प्रणब का ध्यान क्यों नहीं दिया और सही समय पर इलाज क्यों नहीं किया। तमल ने कहा, ‘यहां तक कि उन्होंने मुझे सही समय पर कॉल तक नहीं किया।’ जब सुधान की बेटी गार्गी अष्टमंगला रिवाज के लिए अपने मायके आई तो स्थानीय लोगों ने उनकी कार के सामने गुस्सा जाहिर किया। इस पर गार्गी ने भीड़ ने कहा, ‘मेरे पिता ने अंकल को घर जाने के लिए कहा लेकिन वह नहीं गए।’ स्थानीय पुलिस ने सुदन के परिवार के खिलाफ लोगों के हस्ताक्षर लिए और एफआईआर दर्ज की।
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