सेंट्रल डेस्क
गुजरात विधानसभा की 182 सीटों और हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों के नतीजे लगभग आ चुके हैं. दोनों राज्यों में कमल के आगे हाथ बेहाथ ही साबित हुआ. गुजरात और हिमाचल चुनावों में एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी का मैजिक चला है. गुजरात में दिन भर आंकड़े ऊपर-नीचे होते रहे, हालांकि भाजपा ने निर्णायक बढ़त बनाए रखी. शाम पांच बजे तक भाजपा ने 182 सदस्यीय विधानसभा में साधारण बहुमत हासिल कर लिया. अभी तक घोषित नतीजों में गुजरात में बीजेपी 95 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है और 4 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि बहुमत के लिए 92 सीटों की ही जरूरत है. वहीं कांग्रेस ने अब तक 75 सीटें जीत ली हैं और 2 अन्‍य पर उसे बढ़त हासिल है. राज्य में साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 115 और कांग्रेस को 61 सीटें हासिल हुई थीं. बात करें हिमाचल प्रदेश की तो वहां भी एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन रही है. राज्‍य में बीजेपी अब तक 32 सीटें जीत चुकी है जबकि 12 अन्‍य सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. जबकि कांग्रेस 17 सीटें जीत चुकी है और 4 अन्‍य पर आगे चल रही है. हालांकि पार्टी प्रदेश इकाई अध्यक्ष को अपनी विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा, जबकि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को भी हार का मुंह देखना पड़ा है. कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अर्की विधानसभा पर अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप जीत दर्ज की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं लोगों (गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश के लोगों) को विश्वास दिलाता हूं कि हम इन राज्यों की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने और लोगों की अथक सेवा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.’’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वस्तुत: हार स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस जनादेश को स्वीकार करती है और दोनों राज्यों में बनने जा रही नयी सरकारों को बधाई देती है. कांग्रेस की ओर से कड़ी चुनौती मिलने के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘जो जीता वही सिकंदर.’’ भाजपा ने जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों का नतीजा बताया, जबकि कांग्रेस को इस बात से थोड़ी राहत मिली होगी कि गुजरात में उसकी सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद हम इतना सह सकते हैं कि गुजरात की जनता जागरुक तो हुई है लेकिन अभी और जरूरत है. सूरत और राजकोट में ईवीएम टैंपरिंग का मुद्दा रहा है. मैं किसी पार्टी का पदाधिकारी नहीं हूं. मैं जल्द ही आंदोलन शुरू करुंगा. सूरत में सभाओं में इतनी भीड़ आई थी वहां भी ईवीएम को लेकर सवाल हैं.

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