कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायकों ने किया प्रदर्शन
कागज फाड़े, मच्छरदानी, लार्वा व मच्छर का प्रतीक चिह्न लेकर विरोध

कोलकाता। राज्य में डेंगू के कारण लोगों की मौत और पीड़ितों का क्रम थम नहीं रहा है। ऐसे में राज्य में विरोधियों के लिये डेंगू सत्तधारी सरकार पर हमला के लिये हथियार भी बन चुका है। गुरुवार को उक्त हथियार की चमक विधनासभा में भी दिखी। इस दिन विधानसभा में डेंगू पर चर्चा की मांग को लेकर विधानसभा में कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस व वाम मोर्चा के सदस्य विधानसभा में हाथ में मच्छरदानी और मच्छर की आकृति लेकर जहां प्रदर्शन किया वहीं विधानसभा की कार्यवाही से वाकआउट भी की। कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायकों के प्रदर्शन के मद्देनजर विधानसभा की कार्यवाही बाधित हुई। गुरुवार की सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने डेंगू के मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव दिया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने प्रश्नोत्तर काल के बाद इस मुद्दे पर विचार का आश्वासन देते हुए निंदा प्रस्ताव पर चर्चा के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निंदा प्रस्ताव पर चर्चा का प्रस्ताव खारिज करने के बाद विरोधी दल के विधायकों ने विधानसभा के बेल में उतर गये और शोरगुल मचाना शुरू कर दिया। इस बीच, डेंगू पर चर्चा के लिए नियम 319 के तहत श्री मन्नान ने नोटिस जमा दिया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने मानने से इनकार कर दिया। उक्त स्थिती के बाद कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायक और भी उग्र हो गये और बेल में उतर कर कागज फाड़ कर उछालने गये। इस बीच विधानसभा परिसर में कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायक हाथ में मच्छरदानी व मच्छर का प्रतीक चिह्न व लार्वा लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसी हंगामे के बीच राज्य की स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विरोध प्रदर्शन के बीच डेंगू को लेकर बयान दिया। चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि डेंगू से सरकारी अस्पतालों में 22 लोगों की तथा निजी अस्पतालों में 23 लोगों की मौत हुई है। राज्य में कुल एक लाख, 74 हजार 417 लोगों की रक्त की जांच की गयी। इसमें से 28637 लोगों को डेंगू पॉजिटिव मिला है। मुख्यमंत्री ने डेंगू को लेकर कई बैठकें की हैं। वह प्रत्येक समय इस विषय पर जानकारी लेते रहती हैं, लेकिन विरोधी दल केवल डेंगू को लेकर विभ्रांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार को हाईकोर्ट में राज्य सरकार अपना पक्ष रखेगी। श्री मन्नान ने कहा कि जब तक नियम 319 के तहत डेंगू के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा नहीं होती है। वह लोग अधिवेशन चलने नहीं देंगे. इस मुद्दे को लेकर विधानसभा के भोजनावकाश के बाद ही कार्यवाही का कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायकों ने बॉयकॉट किया, हालांकि शुक्रवार को कांग्रेस व वाम मोर्चा के विधायक विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। श्री मन्नान नेआरोप लगाया कि अध्यक्ष ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री को एकतरफा रूप से वक्तव्य रखने दिया. चर्चा की अनुमति नहीं देकर विरोधी दल के सदस्यों के अधिकारों का हनन किया गया। दूसरी ओर, माकपा के विधायक तन्मय भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि जब तक डेंगू के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा नहीं होती है। उन लोगों का बहिष्कार जारी रहेगा. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार शराब पीने से होने वाली मौत पर मुआवजा देती है। उक्त रोग से जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिजनों को राज्य सरकार भी मुआवजा दे। कुल मिलाकर इस विरोधियों के लिये डेंगू सत्तधारी सरकार पर हमला के लिये बेहतर हथियार रहा।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •