आध्यात्मिक नेता ने कहा, काफी बदल रहा है चीन

कोलकाता। तिब्बत को चीन से आजादी नही बल्कि ज्यादा विकास चाहिए। उक्त बात आज तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा। दलाई लामा ने कहा कि चीन और तिब्बत के बीच करीबी संबंध रहे हैं। हालांकि कभी-कभार उनके बीच संघर्ष भी हुआ है। दलाई लामा इस दिन महानगर कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित संवाद सत्र में में बोल रहें थें। दलाई लामा ने कहा, ‘अतीत गुजर चुका है। हमें भविष्य पर ध्यान देना होगा। तिब्बती चीन के साथ रहना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम स्वतंत्रता नहीं मांग रहे हैं। हम चीन के साथ रहना चाहते हैं। हम और विकास चाहते हैं।’ दलाई लामा ने कहा कि चीन को तिब्बती संस्कृति और विरासत का अवश्य सम्मान करना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘तिब्बत की अलग संस्कृति और एक अलग लिपि है। चीनी जनता अपने देश को प्रेम करती है। हम अपने देश को प्रेम करते हैं।’ तिब्बतियों के धर्मगुरु ने कहा कि कोई भी चीनी इस बात को नहीं समझता है कि पिछले कुछ दशकों में क्या हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में देश बदला है। चीन के दुनिया के साथ शामिल होने के मद्देनजर इसमें पहले की तुलना में 40 से 50 फीसदी बदलाव हुआ है। गौरतलब है कि भारत ने दलाई लामा को शरण दे रखी है, जिसका चीन विरोध करता रहा है। दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं।

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