शिक्षा सचिव मनीष जैन से भी हो सकती है जिरह
पार्थ व अधिकारी को आमने-सामने बैठने की तैयारी

जगदीश यादव
कोलकाता। स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली करते हुए अपनी ही बेटी अंकिता अधिकारी को बिना परीक्षा शिक्षक की नौकरी दिलाने के मामले में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से आज लगातार तीसरे दिन लगभग साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की गई।कहा जा रहा है कि इस दौरान मंत्री परेशान व बेहाल दिखें। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों के अनुसार मंत्री आज दोपहर सीबीआई ऑफिल पहुंचे और फिर सीबीआई अधिकारियों द्वारा उनसे पूछताछ हुई।खबरों की माने तो सीबीआई अबतक मंत्री के दिये उत्तर से संतुष्ट नहींं है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार और गुरुवार को लगातार दो दिन सीबीआई की टीम उनसे पूछताछ कर चुकी है। शुक्रवार रात के समय अधिकारी एमएलए हॉस्टल में ही थे जो निजाम पैलेस परिसर में ही मौजूद है।जांचकर्ताओं का दावा है कि मंत्री-बेटी के अंकिता की अवैध भर्ती तो सिर्फ पहाड़ को चोटी मात्र है। पूरा पहाड़ खोदा जा सकता है। दावे किये जा रहें हैं कि, प्रभावशाली गठजोड़ के साथ एक बड़ी साजिश के द्वारा एसएससी के माध्यम से अवैध रूप से बहुत सारी नियुक्तियाँ की गई हैं। ऐसे में एजेंसी को परेश अधिकारी की बेटी की अवैध भर्ती की जांच उस बड़े षडयंत्र का रास्ता दिख कहा है। वहीं पूर्व न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन शिक्षा मंत्री (अब उद्योग मंत्री) पर्थ चटर्जी की सिफारिश पर गठित सलाहकार समिति भी अवैध है। यानी सीबीआई का रुख है कि वह पार्थ व परेश दोनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ करेगी तो बहुत कुछ सामने आ सकता है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि मंत्री की बेटी को गैरकानूनी तरीके से नियुक्ति तो भ्रष्टाचार की बहुत छोटी कड़ी है। शुरुआती जांच में ही यह स्पष्ट हो गया है कि शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है।सिर्फ यही नहीं केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एसएससी भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए शिक्षा सचिव मनीष जैन को भी तलब कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक वे राज्य के शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी से पूछताछ के दौरान मनीष जैन से भी बात कर सकते हैं। शुक्रवार को पूछताछ के दौरान सीबीआई के जासूसों ने परेश अधिकारी से जानना चाहा था कि उनकी बेटी अंकिता को नौकरी किसके जरिए मिली है। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, वे मंत्री द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हैं।

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