देवाशिष चटर्जी

सागरद्वीप ।भले ही राज्य सरकार के द्वारा गंगा सागर मेले में तमाम इंतजाम के दावें किये जाते हों लेकिन विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेला स्वंय सेवी संस्थाओं की मदद के बगैर आयोजित करना सम्भव नहीं है। इस साल भी मोक्षधाम गंगासागर में  स्वंय सेवी संस्थाओं का योगदान उल्लेखनिय होने के साथ ही तारीफ के काबिल रहा। तमाम संस्थाओं की माने तो नोटबंदी के कथित प्रभाव के कारण भी लाखों तीर्थ यात्रियों के रहने, खाने-पिने से लेकर तमाम व्यवस्था का निशुल्क इंतजाम करना आसान नहीं रहा। बजरंग परिषद, भारत सेवाश्रम, सेंट जान एम्बूलेंस ब्रिगेड, कोलकाता वस्त्र व्यवसायी समिति , बड़ाबाजार व्यापारी संघ, इस्कान जैसी तामाम स्वंय सेवी संस्थाओं ने तीर्थ यात्रियों की सेवा में दिन-रात एक कर सेवा के अर्थ को चरितार्थ कर दिया।ramesh

उक्त मामले पर बात करने के लिये गंगासागर मेला एनजीओ वालिटीयर कोऑर्डिनेशन कमेटि के अक्ष्यक्ष राजीव रंजन पाण्डेय अपने कैंप में नहीं मिले। सह सचिव मलय सेन गुप्ता ने बताया कि फिलहाल 30 संस्थाएं उनके कोऑर्डिनेशन कमेटि से जूड़ी है।  मेले का आयोजन भले ही सरकार करती रही हो ,लेकिन स्वंय सेवी संस्थाओं की मदद के बगैर उक्त मेले की व्यवस्था को सम्भाल पाना सरकार की बस की बात नहीं है। कैम्प में मौजूद पूर्व पार्षद शुक्ला दास, अरुण घोष व स्वंय सेवी ललिता मंडल जैसे लोगों का कहना है कि स्वंय सेवी संस्था के कर्मियों के मन में सेवा का जुनून होता है इसलिये हम लोग तमाम परेशानी को सहते हुए भी मानव सेवा परम घर्म को चरितार्थ करते हैं।

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