भुवनेश्वर। उड़ीसा के पूर्वी तट पर स्थित जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का उत्सव आज पारंपरिक रीति के अनुसार धूमधाम से शुरु हुई। भारी तादाद में भक्तजन वहां मौजूद हैं और चारों तरफ जय जगन्नाथ गुंजयमान हो रहा है। इसे गुंडिचा महोत्सव भी कहा जाता है। हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के दिन रथ यात्रा शुरू होती है। आज के दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने जन्मस्थान गुंडिचा मंदिर जाते हैं। वहां नौ दिन तक रहते हैं। गुंडिचा मंदिर पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है। गुंडिचा मंदिर को जगन्नाथ स्वामी का ‘जन्मस्थल’ भी कहा जाता है क्योंकि इस जगह पर दिव्य शिल्पकार विश्वकर्मा ने राजा इन्द्रध्युम्न की इच्छानुसार जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा के विग्रहों को दारु ब्रम्ह से प्रकट किया था।
इधर अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 140वीं रथयात्रा रविवार यानी आज निकली. इस बार भी अषाढ़ी दूज के दिन ऐतिहासिक जगन्नाथ रथयात्रा को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पहिंद रस्म निभाते हुए रथ को खींचा. उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा के तहत भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ शहर के पारंपरिक मार्ग से नगर भ्रमण पर निकलें. आतंकी खतरे को देखते हुए स्थानीय पुलिस के अलावा पहली बार एन.एस.जी कमांडो शामिल किए गए हैं. साथ ही अर्ध सैनिक बलों के साथ चाक चौबंद सुरक्षा का दावा किया गया है.

Spread the love
  • 7
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
    7
    Shares
  •  
    7
    Shares
  • 7
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •