कोलकाता। स्कूलों में बांग्ला भाषा लागू किए जाने का विरोध कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बंद के कारण कई पर्यटक मुश्किल में हैं। दार्जिलिंग में करीब 10 हजार पर्यटकों के फंसे होने की खबर है। इस बीच शुक्रवार दोपहर सेना ने दार्जिलिंग के हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। कुल मिलाकर पहाड़ पर तनातनी और बेहाली का दृश्य है। वहीं मामले पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के. एन. त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा कि दार्जिलिंग के हालात के बारे में उन्हें अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, जहां गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा व्यापक तौर पर की गई हिंसा के बाद सेना बुलाई गई है। टैगोर सेंटर फॉर नेचुरल साइंस एंड फिलॉसोफी के उद्घाटन के दौरान त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “पहले मुझे आधिकारिक जानकारी मिलने दीजिए। मुझे अभी तक इस बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।” अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जीजेएम के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दार्जिलिंग में आगजनी की और पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 15 लोग घायल हो गए। अपने कार्यकर्ताओं के ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस की भेदभावपूर्ण कार्रवाई’ के खिलाफ जीजेएम ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया है।

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