रमेश राय
कोलकाता। जिस तरह से शिक्षा अनिवार्य है ठीक इसी तरह से खेलकूद भी जीवन का अभिन्न अंग है। जो लोग अपने बच्चों के खेल कूद के प्रति रुचि से खिन्न रहते हैं ऐसे लोगों को अपनी मानसिकता बदलना चाहिए। ऐसे अभिभावकों को कम से कम सचिन तेंदुलकर, पीटी ऊषा जैसे महान खिलाड़ियों को एक बाद याद करना चाहिए ताकि उनका भ्रम दूर हो सके। अगर बात महिलाओं की करें तो देश की महिलाएं खेल के क्षेत्र में दुनिया को चुनौती दे रही हैं। उक्त बात आज बेहाला में सारदा इंस्टीट्यूशन के वार्षिक खेलकूद समारोह कार्यक्रम में इंस्टीट्यूशन के प्रिंसपल बिपिनेश कुमार पाण्डेय ने कही।जबकि देश के पूर्व क्रिकेटर इंद्रनील बोस, प्रधानअध्यापिका सरोज पाण्डेय व समाजसेवी विजय बहादूर सिंह अंगार ने शिक्षा व खेल की महता पर भी प्रकाश डालते हुए उक्त स्कूल के कार्यों को सामने रखा। उक्त अवसर पर इंडियन कांउसिल आफ प्रेस मीडिया एण्ड सैटेलाइट ब्राडकास्टिंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश यादव, एच. एन मिश्रा, संस्थान के द्वाय निदेशक विशाल पाण्डेय, सुमन शर्मा आदि ने बच्चों को पुरुस्कार देकर सम्मानित किया। इस दौरान बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यकर्म से उस्थित लोगों का मन मोहा।

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