तीनों विधानसभा केन्द्रों में गड़बड़ी के आरोप
भाजपा प्रार्थी जय प्रकाश को लात-घूंसे से धूना
चुनावी महारथियों के भाग्य का फैसला 28 नवम्बर को
चुनाव आयोग ने हिंसा पर रिपोर्ट तलब किया

फिरोज आलम/ रौनक कुमार शंकर
कोलकाता। एक बार जिस बात की आशंका जाहिर की जा रही थी वही हुआ आज राज्य की तीन विधानसभा क्षेत्रों पर उपचुनाव में एक बार फिर चुनाव के दौरान हिंसा का नजारा देखने को मिला है। 3 सीटों के लिए विधानसभा उपचुनाव में शाम 5 बजे तक औसत 75.34 फीसद मतदान हुआ है। बात करने पर आज राज्य के निर्वाचन सीईओ कार्यालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार कालियागंज-77.17 फीसद, करीमपुर-81.23 फीसद और खड़गपुर सदर-67.62 फीसद मतदान हुए। जबकि उप चुनाव के दौरान करीमपुर विधानसभा सीट इलाके में जमकर गड़बड़ी की घटना की खबर है। यहां उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार तथा प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार को हिंसा का सामना करना पड़ा। घटना करीमपुर के पिपलखोला की है। सुबह करीब 11.30 जयप्रकाश मजूमदार जब एक मतदान केंद्र में जाने की कोशिश कर रहे थे तभी उनके सामने कुछ लोग आ गये और ‘गो बैक’ के नारे लगाने लगे। आरोप है कि अचानक भीड़ ने जयप्रकाश मजूमदार पर घूंसे और थप्पड़ों की बारिश शुरू कर दी। इसके बाद उन्हें लात मारकर झाड़ियों में गिरा दिया गया। मामले पर चुनाव आोयग ने रिपोर्ट तलब किया है। गौरतलब है कि उस वक्त मौके पर राज्य पुलिस और केंद्रीय बल के जवान भी मौजूद थे। उनके सामने ही भाजपा उम्मीदवार पर हमला किया गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस घटना की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा उम्मीदवारों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया था। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश मजूमदार को तृणमूल कांग्रेस के 50 कार्यकर्ताओं ने घेर लिया था और उन पर हमला किया था। वे लोग जिले के पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग करते हैं.साथ ही दिलीप घोष ने यह भी कहा कि हमले के बावजूद जयप्रकाश मजूमदार मैदान में डटे रहे। इस संबंध में भाजपा की ओर से चुनाव आयोग को शिकायती पत्र भी भेजा गया है. भाजपा के केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को इस घटना के संबंध में पत्र लिखा है. पत्र में आरोप लगाया गया है कि करीमपुर, खड़गपुर सदर और कालियागंज विधानसभा सीटों के लिए हो रहा उपचुनाव मजाक में बदल चुका है. तृणमूल कांग्रेस राज्य पुलिस व प्रशासन की मदद से लोकतंत्र की हत्या कर रही है. मुकुल राय ने अपने पत्र में लिखा है कि करीमपुर विधानसभा क्षेत्र में राज्य पुलिस ने कोई रूट मार्च नहीं किया. न ही राज्य पुलिस केंद्रीय सशस्त्र बल के साथ कोई सहयोग कर रही है. क्षेत्र में चुनाव आयोग ने 93 फीसदी बूथों पर केंद्रीय सशस्त्र बल को तैनात किया है.उल्लेखनीय है कि 31 मई को कांग्रेस विधायक प्रमथ नाथ रे के निधन के बाद कालीगंज सीट रिक्त हो गई थी। खड़गपुर सदर से भाजपा विधायक दिलीप घोष के मिदनापुर और तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा के कृष्णनगर लोकसभा सीट से चुने जाने के कारण खड़गपुर सदर और करीमपुर सीटों के लिए उपचुनाव हुए। तीनों सीटों पर मतगणना 28 नवंबर को होगी।तीनों सीटों पर मुुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन के बीच है। तृणमूल कांग्रेस ने खड़गपुर सदर से प्रदीप सरकार, करीमपुर से विमलेंदु सिंघा रॉय और कालीगंज से तपन देव सिंघा को उम्मीदवार बनाया है।वाम मोर्चा ने पेशे से वकील गोलम रब्बी को करीमपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया हैं। समझौते के तहत कांग्रेस रब्बी का समर्थन कर रही है। कांग्रेस के धात्री रॉय कालीगंज से और चित्तरंजन मंडल खड़गपुर से उम्मीदवार है।भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जॉय प्रकाश मजुमदार करीमपुर से, प्रेमचंद्र झा खड़गपुर सदर से और कमल चंद्र सरकार कलियरगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़े।

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