पुण्य स्नान के कुछ घंटे पहले 13 जनवरी को जरुरी निर्णय लेगी कोर्ट

जगदीश यादव
कोलकाता। गंगा सागर मेला को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट क्या निर्देश देगी। मेला होगा या नहीं या फिर गंगासागर मेले को लेकर कोर्ट आगे किस कार्रवाई को अंजाम देगी। उक्त मुद्दों पर कोर्ट ने रहस्य बरकरार रखा है। लेकिन गंगा सागर मेले को लेकर हाई कोर्ट फिलहाल राज्य सरकार की व्यवस्था से संतुष्ट भी है। आज कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को गंगासागर मेले के बारे में सार्वजनिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया है।आज चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने 13 जनवरी को मुख्य सचिव से गंगा सागर मामले पर रिपोर्ट तलब की है। मेला होगा या नहीं, इस पर कलकत्ता हाईकोर्ट अंतिम13 जनवरी को आदेश देगा। सबसे खास बात तो यह है कि आज दोपहर मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायाधीशों की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा, इस साल ई-स्नान अनिवार्य क्यों नहीं किया गया? न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी ने कहा, “आप स्नान करते समय संक्रमण फैलने से कैसे रोक सकते हैं?” चीफ जस्टिस ने कहा, “हम चाहते हैं कि पानी का स्पर्श किये बगैर ही स्नान की व्यवस्था हो सके।” अगर अब सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है तो हम ई-स्नान की व्यवस्था क्यों नहीं कर सकते? मैं इसे अनिवार्य क्यों नहीं बना सकता? बता दे कि राज्य सरकार के एजी किशोर दत्त ने कहा कि एक विकल्प के रूप में, ई-स्नान के साथ-साथ काफी कियोस्क स्थापित किए जा रहे हैं जहां से पुण्यार्थी पवित्र जल एकत्र कर सकते हैं। लेकिन मुख्य न्यायाधीश की खंड पीठ ने ई-स्नान के पक्ष में तर्क दिया। मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई में शुरू से ही कहा था कि अदालत शुरु से ही मेला या पुण्य स्नान को सम्पूर्ण तौर पर बंद करने के पक्ष में नहीं थी। लेकिन पीठ ने सवाल उठाया है कि कोरोना काल में जो हालात है उक्त स्थिति में लाखों पुण्यार्थियों के सुरक्षा कैसे होगी। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय राज्य सरकार द्वारा अब तक उठाए गए सुरक्षा उपायों से संतुष्ट है।बहरहाल मामले के याचिका दायर करनेवाले के वकील सब्यसाची चट्टोपाध्याय ने कहा, “अदालत ने राज्य सरकार को सार्वजनिक जागरूकता अभियान बढ़ाने के साथ-साथ ई-स्नान करने या पानी में न जाने वाले सभी पुण्यार्थि को पुरस्कार या प्रोत्साहन प्रदान करने का निर्देश भी दिया है।” बता दें कि कोरोना परिस्थिति को देखते हुए गंगा सागर मेला में भीड़ नियंत्रित करने के लिए हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। हावड़ा निवासी अजय कुमार दे ने अपनी याचिका में सागर द्वीप में मेला परिसर व बाबूघाट क्षेत्र को एक महीने के लिए कंटेनमेंट जोन घोषित करने की मांग की है। इससे पहले अजय कुमार दे ने दुर्गा पूजा, काली पूजा, छठ पूजा व जगधात्री पूजा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने की मांग पर याचिका दायर की थी और हाइकोर्ट ने भीड़ नियंत्रण के लिए गाइडलाइन भी जारी की थी। बहरहाल देखना है कि कोर्ट 13 जनवरी को क्या निर्देश देती है।

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