नगर निगम के आंकड़े से हुआ इस बात का खुलासा

कोलकाता। महानगर कोलकाता यहां के लोगों की शान है और रहेगा। यहां रहना लोग अपनी शान समझते हैं। लेकिन हाल ही में कोलकाता नगर निगम के एक आंकड़े से इस बात का खुलासा हुआ है। पता चला है कि वित्त वर्ष 2014-15 में कोलकाता में गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) रहने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। नगर निगम सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2014-15 में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या 2 लाख 89 हजार 132 थी। यह संख्या 2015-16 में और 18000 बढ़ गई जिसकी वजह से गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या 3 लाख से पार हो गई है। यही सूची अभी भी चल रही है। नगर निगम सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2014-15 में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या 2 लाख 89 हजार 132 थी. यह संख्या 2015-16 में और 18000 बढ़ गई जिसकी वजह से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या 3 लाख से पार हो गई है. यही सूची अभी भी चल रही है. गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वे लोग हैं जिनकी दैनिक आमदनी इतनी भी नहीं होती कि वह अपना भोजन जुटा सकें. ऐसे में देशभर के चार महानगरों की सूची में शामिल कोलकाता में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या का बढ़ना इसी बात की ओर इशारा करता है कि महानगर समय के साथ गरीब होता जा रहा है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि एक साल के अंदर राज्य भर में भी बीपीएल धारियों की संख्या बढ़ी है. वित्त वर्ष 2018 में इसमें जनसंख्या और अधिक हुई है हालांकि पुख्ता आंकड़ा फिलहाल जारी नहीं किया गया है. यह सुखद बात नहीं है क्योंकि गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या बढ़ने का अर्थ है शहर की आर्थिक समृद्धि घटना. विश्लेषकों का दावा है कि जो 18000 परिवार गरीबी रेखा से नीचे सूची में शामिल हुए हैं, उनमें से अगर प्रत्येक परिवार में कम से कम 3 सदस्य पकड़ा जाए तो 54000 नए लोग गरीब हुए हैं जो शुभ संकेत नहीं है. इस बारे में पूछने पर मंगलवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय की अर्थशास्त्र की शिक्षिका अरिजिता दत्त ने कहा कि एक साल के अंदर गरीबी रेखा से नीचे 54000 लोगों का शामिल होना निश्चित तौर पर कोलकाता को और अधिक गरीब होने का सूचक है. अर्थशास्त्र के एक और शिक्षक पंचानन दास ने कहा कि गरीबी रेखा के नीचे शामिल परिवारों की संख्या बढ़ने का मतलब ही है कि वह शहर गरीब हो रहा है. दरअसल वर्ष 2010 के बाद प्रतिवर्ष कोलकाता नगर निगम की ओर से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की सूची जारी की जाती है. वित्त वर्ष 2014-15 में बीपीएल सूची जारी होने के बावजूद वित्त वर्ष 2015-16 की सूची अभी तक जारी नहीं की गई है. चौतरफा दबाव के बाद अब जाकर नगर निगम ने इस सूची को संशोधित कर प्रकाशन के लिए भेजा है. इसी से पता चला है कि नई सूची में 18887 परिवारों को जोड़ा गया है. वर्तमान में बीपीएल सूची में शामिल परिवारों की संख्या बढ़कर 3 लाख 8 हजार 19 हो गई है.

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