कलकत्ता हाई कोर्ट में लगी याचिका

कोलकाता। बॉलिवुड फिल्म ‘ओह माइ गॉड’ के कांजी भाई आपको याद होंगे, जिन्होंने भूकंप में बर्बाद अपनी दुकान का क्लेम हासिल करने के लिए भगवान पर केस कर दिया था। ऐसा ही एक मामला कोलकाता में देखने को मिला है। 5 साल की जेल की सजा पाए मृत आरोपियों के परिवार ने कोर्ट से कहा है कि वह यमराज को निर्देश दें कि वह दोषियों को सजा पूरी करने के लिए यमलोक से वापस भेजे।इतना ही नहीं, याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर यमराज ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। मामला साल 1984 का है। गरुलिया के रहने वाले समर चौधरी और उनके दो बेटों ईश्वर और प्रदीप की किसी के साथ मारपीट हो गई थी। इसमें एक शख्स की मौत हो गई। मामले को लेकर अलीपुर के अडिशनल सेशन जज ने तीनों को 9 फरवरी 1987 को 5-5 साल की जेल की सजा सुनाई। उसी साल मार्च में दोनों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित कर दोनों की सजा पर रोक लगा दी।इससे पहले की सुनवाई शुरू होती, तीन में दो आरोपियों- समर और प्रदीप की मौत हो गई। इतना ही नहीं, 22 जून 2006 को आरोपी पक्ष के वकील की हाई कोर्ट के जज के तौर पर पदोन्नति हो गई। ऐसे में बिना वकील के आरोपियों का परिवार कोर्ट को यह नहीं बता पाया कि मामले के दो आरोपी अब इस दुनिया में नहीं हैं। बाद में कोर्ट ने आरोपियों के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त कर दिया और मामले में फैसला सुनाते हुए 16 जून 2016 को याची की अपील खारिज कर दी।इसके बाद याची पक्ष ने कोर्ट को आरोपियों की मौत की बात नहीं बताने के लिए माफीनामा देने के साथ साल 2016 के उसके आदेश की याद दिलाई। मृतक समर के बेटे और प्रदीप की विधवा रेनू ने आवेदन में कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय यमराज को निर्देश दे कि वह दोनों आरोपियों को पृथ्वी पर वापस भेजें ताकि वे दोनों कोर्ट द्वारा मुकर्रर सजा पूरी करें। उन्होंने आगे कहा कि अगर यमराज ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।

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