कोलकाता। राज्य की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी तमाम दावों की धज्जियां आज तब उड़ गई जब बीरभूम जिले के बोलपुर में सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे के साथ तलवार लहराते हुए बाइक रैली निकाली। जिला परिषद और पंचायत चुनाव से पहले हथियारों के साथ टीएमसी कार्यकर्ताओं की यह रैली पहले से ही तनावपूर्ण इस जिले में धमकी भरा संदेश माना जा रहा है। पिछले दिनों रामनवमी पर रामभक्तों ने पारंपरिक हथियार उठा लिया था। वे पुलिस के सामने ही अपने हाथों में तलवारें और चाकू लहराते हुए चल रहे थे। हिंदू संगठनों के इस कदम की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी आलोचना की थी। उन्‍होंने कहा था कि किसी भी रैली में हथियारों को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। अब उन्‍हीं के कार्यकर्ताओं इस हरकत से सवाल उठने लगे हैं।बता दें, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में 42 में से 41 सीटों पर किसी ने भी टीएमसी उम्‍मीदवारों के खिलाफ नामांकन नहीं किया है। यहां पर दो अप्रैल को नामांकन शुरू होने के बाद काफी हिंसा हुई है। वहीं 19 पंचायत समितियों में से 14 पर किसी विपक्षी उम्‍मीदवार ने टीएमसी प्रत्‍याशी के खिलाफ पर्चा नहीं भरा है। आंकड़ों के मुताबिक बोलपुर-श्रीनिकेतन, दुबराजपुर, इलमबाजार, लाभपुर, रामपुरहाट में विपक्षी उम्‍मीदवारों की कोई मौजूदगी नहीं है। उधर, तृणमूल कांग्रेस की बीरभूम जिले के अध्‍यक्ष अनुब्रत मंडल ने 41 जिला परिषद सीटों पर विपक्ष के उम्‍मीदवार नहीं उतारने पर आश्‍चर्य जताया है। उन्‍होंने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि सीपीएम और बीजेपी के पास इतने कार्यकर्ता नहीं हैं कि वे पंचायत समिति और ग्राम पंचायत में प्रत्‍याशी उतार सकें। इस बीच बीजेपी के बीरभूम जिले के अध्‍यक्ष रामकृष्‍ण रॉय ने टीएमसी के दावे को खारिज कर दिया और कहा, ‘हमारे कार्यकर्ता काफी तनाव में हैं।’
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