हिंदुओं का वोंट बैंक दुरुस्त रखने की कवायद शुरु की

कोलकाता। अब बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार के कारण सीएम ममता बनर्जी हिंदुओं के वोंट बैंक को दुरुस्त करने में जुट गई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस राज्य में भाजपा ने हिंदुओं को एकजुट करके वोट की संख्या बढ़ाने में सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने खाते में हिंदू के अलावा ओबीसी वोट को भी जोड़ लिया है और यह इस राज्य के लिये भी लाभदायक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में बीजेपी यह संदेश देने में सफल हुई है कि वह सिर्फ ब्राह्मण व सवर्ण वर्ग की पार्टी नहीं है। वहीं इन सब पर करीब से नजर रख रही सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा की सियासत से निपटने के लिए एससी एडवायजरी काउंसिल बनाने का फैसला लिया है। साथ ही उत्तर बंगाल में राजबंशी के लिए एक वेलफेयर बोर्ड बनाने का भी फैसला लिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने तारापीठ तारकेश्वर और कालीघाट मंदिर के पुनर्रुद्धार के लिए भी बोर्ड बनवाने का फैसला लिया है। गुजरात चुनाव के दौरान जिस तरह से राहुल गांधी ने खुद को हिंदू नेता के तौर पर दिखाने की कोशिश की । ठीक इसी तरह से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस वर्ग को अब अपने से जोड़ने में जुट गई हैं। भाजपा के हिंदुत्व के हथियार का जवाबके लिए अब ममता ने भी हिंदुत्व का कार्ड खेला है। बता दें कि ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह एक सहिष्णु हिंदू हैं, इसके बाद उन्होंने गंगासागर दौरे के दौरान कपिलमुनि आश्रम में महंत ज्ञान दास के साथ तकरीबन एक घंटे का समय बिताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यहा फिर से आउंगी। माना जा रहा है कि ममता ने यह कदम खुद को अल्पसंख्यकों के समर्थक की छवि से बाहर निकालने के लिए यह कदम उठाया है। जिस तरह से हाल में राज्य के भीतर हुए उपचुनाव के दौरान सबांग और दक्षिण कांति जैसी जगहों पर भाजपा के वोट शेयर में बढ़ोतरी हुई और भाजपा की स्थिति मजबूत हुई उसके बाद ममता बनर्जी ने के इस कदम को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। सबंगा में टीएमसी को 106179 वोट मिले थे जबकि भाजपा को 37476 वोट मिले ते। लेकिन यहां याद रखने वाली बात यह है कि 2016 में भाजपा को यहां सिर्फ 5610 वोट मिले थे।

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