बीजेपी को करना पड़ रहा है जनादेश के लिये संघर्ष

कोलकाता। पंचायत चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा राज्य में लोगों से संपर्क करने के लिए तय किए गए लक्ष्य को हासिल करने में भाजपा के नेताओं को यहां संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि बीजेपी के नेताओं में आपस में मनमुटाव हो रहे हैं और उनमें सामंजस्य की कमी है।बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का एक धड़ा यह मानता है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और कभी वामपंथियों का गढ़ रहे इस राज्य में पार्टी तेजी से आगे बढ़ रही है लेकिन यहां की राज्य इकाई का कहना है कि कई वजहों से पार्टी इस तेजी को पकडऩे में सक्षम नहीं हो पा रही है। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद से राज्य में बीजेपी के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है और वह अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के समक्ष चुनौती खड़ी कर रहा है।हालांकि बीजेपी नेतृत्व को प्रधानमंत्री से बैलेट शेयर 18 प्रतिशत बढऩे पर प्रशंसा मिली है। हालांकि कई वरिष्ठ नेताओं का गोपनियता की शर्त पर मानना है कि कि मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्हें बहुत कुछ करने की जरूरत है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हम राज्य में अभी तक सभी 77,000 बूथों पर नहीं पहुंच पाए हैं। इस वर्ष की शुरूआत में बंगाल की यात्रा पर आए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने साल 2017 के अंत तक बूथ कमेटी बनाने का लक्ष्य तय किया था।लेकिन हम अभी तक लक्ष्य का 65-70 प्रतिशत ही हासिल कर पाए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसी संभावना है कि बूथ कमेटी बनाने का काम अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि बूथ स्तर की कमेटी बनाने का काम वर्ष 2018 तक पूरा हो जाएगा। राज्य में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के एक धड़े के नेताओं के बीच हो रही लड़ाई की वजह से पार्टी के आगे बढऩे के रास्ते में रूकावट पैदा हो रही है। पार्टी के एक धड़े के नेता मौजूदा नेतृत्व के मनमाने रवैये से खुश नहीं हैं और असक्रिय हो गए हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष भी इस बात से सहमत हैं कि पार्टी अभी तक राज्य के सभी बूथों पर नहीं पहुंची है।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •