मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया निधन पर शोक व्यक्त

कोलकाता। अपने गीतों से लोगों को रिझाने वाली प्रसिद्ध गायिका सबिता चौधरी अब हमारे बीच नहीं रहीं। सबिता चौधरी का गुरुवार को उनके आवास पर निधन हो गया। वह पिछले पांच महीनों से कैंसर से पीड़ित थीं। सबिता दिवंगत गीतकार सालिल चौधरी की पत्नी थीं।सबिता को जनवरी में फेफड़ों व थाइरॉइड के कैंसर की पुष्टि हुई थी।भारतीय संगीत की सबसे महान प्रतिभाओं में शामिल रहे सालिल के साथ शादी के बंधन में बंधी सबिता चौधरी ने गायन के क्षेत्र में खुद की एक गहरी छाप छोड़ी। दशकों तक लोगों पर इनके कई बांग्ला गीतों का जादू छाया रहा।उन्होंने कई हिंदी व बांग्ला फिल्मों के लिए पाश्र्व गायिका के तौर पर गीत गाए।इनके कुछ प्रसिद्ध बंगाली गीतों में ‘ओइ झिलमिल झावर बॉनी’, ‘जारे जा जा मोनो पाकी’ आदि शामिल हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबिता के निधन पर शोक व्यक्त किया।उन्होंने ट्वीट कर कहा, “प्रख्यात गायिका सबिता चौधरी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। मेरी संवेदना उनके परिवार, मित्रों तथा प्रशंसकों के साथ हैं।”

सबिता की बेटी अंतरा ने बताया कि उनका निधन देर रात करीब दो बजे हुआ, उनके चार बच्चे हैं। अंतरा ने बताया कि उनका इस साल जनवरी से इलाज चल रहा था। उनके इच्‍छा जाहिर करने के बाद उन्‍हें मई में मुंबई से कोलकाता लाया गया था। उन्होंने बताया कि हमने घर में हर तरह के इंतजाम किए थे। तबलावादक पंडित तन्मय बोस ने सबिता के निधन पर कहा कि यह एक निजी क्षति है। इस समय ढेर सारी यादें जेहन में ताजा हो रही हैं। संगीतकार देबज्योति मिश्रा ने कहा कि वह मेरी मां जैसी थीं। सलिल चौधरी फाउंडेशन के साथ सक्रियता से जुड़ी सबिता ने बंगाली और हिंदी में कई लोकप्रिय गीत गाए थे।

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