कोलकाता। एक बार फिर अलीपुर सेट्रल जेल में मोबाइल फोन व मादक पदार्थ की बरामदगी से व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है। जेल प्रबंधन ने पांच दिनो तक जेल मे तलाशी अभियान चलाकर 57 मोबाइल फोन और 1.5 किलो गांजा बरामद किया है। इस तलाशी अभियान के दौरान जेल का ऐसा कोई वार्ड नही था जहां से मोबाइल फोन बरामद नही हुआ हो। हालांकि यह अभियान जेल अधीक्षक सौमिक सरकार, जेलर श्यामल तालुकदार, डिप्टी जेलर सोमनाथ भट्टाचार्जी, हेड वार्डन पंकज रॉय और सुधांशु मुखर्जी के नेतृत्व मे चलाया गया है। जेल सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार भूतल पर स्थित वार्ड संख्या 9 से 12 मोबाइल फोन, पहले तल्ले पर 7 नंबर वार्ड से 22 मोबाइल फोन और एक किलो गांजा, इसी तल्ले पर वार्ड नंबर एक से 12 मोबाइल एवं पांच नंबर वार्ड से 9 मोबाइल फोन बरामद हुए है।
इसके अलावा एक पेड़ पर सूते से दो मोबाइल फोन बांधकर रखे गये थे। उल्लेखनीय है कि जेल के एक-एक वार्ड मे कई कैदियो को रखा जाता है। यहां का 7 नंबर वार्ड सबसे बड़ा है जहां 130 विचाराधीन कैदियो को रखा गया है। इसके अलावा 9 नंबर वार्ड मे 122 तथा पहले तल्ले पर एक नंबर वार्ड मे 60 विचाराधीन कैदियो को रखा गया है। जेल सूत्रो से बताया गया है कि प्रत्येक वार्ड मे करीब 80 से 100 कैदियो को रखा जाता है। ऐसे मे यहां इतनी बड़ी संख्या मे मोबाइल फोन बरामद होने से जेल प्रबंधन के माथे पर बल पड़ गया है। महिला को देखते ही वे पहचान गए थे। इसी जेल मे बंद रमजान नस्कर की वह पत्नी थी। उन्हे संदेह हुआ कि शायद वह अपने पति से बात कर रही थी। इसके बाद वे उसके पास जैसे ही पहुंचे, उसने फोन बंद कर बैग मे रख लिया। संदेह होने पर वे उसका फोन लेकर जेलर श्यामल तालुकदार के पास पहुंचे। उसके अंतिम कॉल पर फोन लगाकर वे रमजान के वार्ड की ओर बढ़े तो देखा कि वह फोन रमजान के पास ना होकर हतिम नस्कर के पास था।
रंगे हाथ मोबाइल के साथ पकड़े गए हातिम से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि महिला के पति रमजान के पास कोई मोबाइल फोन नही था इसीलिए वह हातिम के ही फोन पर फोन कर बात करती थी। इसी घटना के बाद जेल प्रबंधन के कान खड़े हो गए और तलाशी अभियान चलाया गया जिसके बाद इतनी भारी संख्या मे मोबाइल मिले है। जेल सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार अगर किसी कैदी के पास से मोबाइल फोन मिलता है तो उसे 14 नंबर वार्ड मे पनिशमेट सेल मे रखा जाता है। फिलहाल हातिम को भी उसी वार्ड मे रखा गया है। इसके अलावा आगे से सतर्कता बरतते हुए जेल प्रबंधन ने निगरानी बढ़ा दी है।
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