सेंट्रलडेस्क।
बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए दक्षिण एशिया की पहल (एसएआईईवीएसी) में शामिल आठ देशों की 9 से 11 मई यानी सोमवार से नई दिल्ली में चौथी मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक का उद्देश्य इस क्षेत्र में बच्चों के संरक्षण और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रणनीतियां बनाना और प्रतिबद्धताओं पर सहमत होना है। इस महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। 11 मई से पूर्व मंत्रिस्तरीय बैठक में क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा और हिंसा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दो दिवसीय तकनीकी विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में सरकार और अफगानिस्तान, बंग्लादेश, भूटान, मालद्वीप, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के नागरिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि पिछले दशक में क्षेत्रीय प्रयासों की प्रगति और विकास का मूल्यांकन और अगले पांच वर्षों में एसएआईईवीएसी की प्राथमिकताओं की पहचान करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 11 मई, 2016 को मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करेंगे। महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी। एसएआईईवीएसी की आगामी अवधि की क्षेत्रीय कार्यवाही के लिए पाठ्यक्रम तय करने हेतु उच्च स्तरीय क्षेत्रीय नेतृत्व प्रदान करने के लिए सदस्य देशों के मंत्रियों द्वारा भी बैठक को संबोधित किए जाने की संभावना है। एसएआईईवीएसी सार्क का सर्वोच्च निकाय है जिसका गठन हिंसा के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए दक्षिणी एशियाई देशों की सरकारों को एक मंच पर लाना है। आगामी चौथी मंत्रिस्तरीय बैठक में सार्क सम्मेलन प्रतिबद्धता के 30 वर्ष भी पूर्ण हो रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि सार्क के वर्तमान महासचिव श्री अर्जुन बहादुर थापा भी इस मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे हैं। बैठक में 9 और 10 मई को तकनीकी विचार-विमर्शों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों और देशों के अनुभव से उभरे क्षेत्रीय बाल सुरक्षा अवसरों पर सिफारिशों को आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें लापता और खोये हुए बच्चों को ढूंढ़ने और उनका बचाव करने के लिए भारत के द्वारा अपनाए गए अभिनव उपाय भी शामिल होंगे। बैठक के दौरान भारत की ओर से अन्य उपायों के साथ-साथ अपनी प्रमुख पहलों जैसे बच्चों का पता लगाना और खोया-पाया, चाइल्ड लाइन-1098, पॉस्को अधिनियम की भी जानकारी दी जाएगी।