दक्षिण दिनाजपुर। स्मार्टफोन के लिए लोगों में दीवानगी की बातें आम हो चुकी हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में जो कुछ हुआ वह वाकई हैरान करने वाला है। यहां पर एक 16 साल की लड़की जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में अपना खून बेचने पहुंच गई। वह खून बेचकर अपने लिए स्मार्टफोन खरीदना चाहती थी। जैसे ही यह बात ब्लड बैंक के अधिकारियों को पता चली, उन्होंने इसकी जानकारी चाइल्डलाइन को दी। यहां पर इस लड़की की काउंसिलिंग करके जिला बाल कल्याण समिति के जरिए उसके माता-पिता के पास भेज दिया गया। बालुरघाट जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में काउंसलर कनक कुमार दास ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे लड़की हमारे यहां आई थी। शुरुआत में हमें लगा कि वह यहां पर ब्लड लेने आई है, लेकिन जैसे ही उसने बताया कि वह खून बेचना चाहती है, हम भौंचक्के रह गए। दास ने बताया कि इसके बाद हमने सोचा कि वह अपने भाई का इलाज कराने के लिए पैसे जुटाना चाहती है, इसलिए खून बेचना चाहती है। इसके बाद हमने उससे कुछ देर बातचीत की। तब उसने बताया कि असल में एक स्मार्टफोन लेना चाहती है। लड़की ने बताया कि उसने किसी रिश्तेदार के फोन अपने लिए ऑनलाइन मोबाइल ऑर्डर किया है। अब इसकी कीमत चुकाने के लिए उसे पैसे की जरूरत है। बताया जाता है कि यह लड़की तपन नाम की जगह से बालुरघाट पहुंची थी, जो करीब 30 किमी दूर है। लड़की के पिता स्थानीय बाजार में सब्जी बेचते हैं और उसकी मां हाउसवाइफ हैं। उसका एक छोटा भाई भी है जो चौथी कक्षा में पढ़ता है। लड़की नाबालिग थी, इसलिए ब्लड बैंक के अधिकारियों ने तत्काल 1098 पर चाइल्डलाइन को सूचना दी। इसके बाद काउंसिलर रीता महतो वहां पहुंची और लड़की से बातचीत की। महतो के मुताबिक लड़की ने बताया कि उसने 9000 रुपए का फोन ऑर्डर किया था। इस फोन की डिलीवरी गुरुवार को होने वाली थी। लड़की सोमवार को यह कहकर अपने घर से निकली थी कि वह ट्यूशन पढ़ने जा रही है। उसने अपनी साइकिल बस स्टैंड पर छोड़ दी और वहां से बस पकड़कर बालुरघाट जिला अस्पताल पहुंच गई। चाइल्डलाइन अथॉरिटीज ने मामले की जानकारी राज्य सरकार की जिला बाल कल्याण कमेटी को दी। इसके बाद कमेटी ने लड़की के माता-पिता से संपर्क किया। लड़की के पिता ने बताया कि जब वह बाहर निकली तो मैं घर पर नहीं था। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में खून बेचकर फोन खरीदने की बात कहां से आई।

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