कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री के पास से एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अमेरिकी डॉलर जब्त किए हैं. ईडी ने आज यह जानकारी दी.सीमा शुल्क विभाग ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 16 सितंबर को एक महिला को विदेशी मुद्रा में एक बड़ी रकम ले जाते पाया, जिसके बाद उसे रोका गया. एजेंसी ने एक बयान में बताया कि विभाग ने ईडी को इसकी जानकारी दी और अधिकारियों को उसके पास से 100 डॉलर के 1,300 नोट मिले.ईडी ने कहा, संगीता देवी यह नहीं बता पाई कि उसके पास से मिली विदेशी मुद्रा का स्रोत क्या है और वह इतनी बड़ी रकम लेकर क्यों घूम रही थी ?उसने कहा, वह यह स्पष्टीकरण नहीं दे पाई कि उसके पास 1.03 करोड़ रुपए मूल्य की बड़ी विदेशी मुद्रा कहां से आई, जिसके बाद मुद्रा को जब्त कर लिया गया.कोलकाता हवाई अड्डे पर बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) बरामद की गई. बरामद की गई राशि एक करोड़ से अधिक है. कोलकाता हवाईअड्डे के सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी पैसे की वसूली के लिए शुक्रवार को हवाईअड्डे गए थे. आरोपी ने यात्री से पूछताछ कर मामले की जांच शुरू कर दी है और अधिकारियों ने संगीता देवी नाम की यात्री को पहले ही हिरासत में ले लिया है. ज्ञात हुआ है कि आरोपी संगीता देवी को इंफाल जाने वाली इंडिगो फ्लाइट 6 822 में सवार होना था. चेकिंग के समय उनके सामान की जांच की गई. फिर स्कैनर बैग में पैकेट दिखाई दिया. सामान खोलने पर 13 पैकेट बरामद हुए और उन पैकेटों में 1 लाख 30 हजार अमेरिकी डॉलर मिले,जो भारतीय मुद्रा में लगभग 1 करोड़ 23 लाख 1 हजार रुपए है.बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा का स्रोत कहां है? चूंकि महिला यात्री कोई संबंधित जानकारी नहीं दे सकी, इसलिए ईडी अधिकारियों ने यात्री को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ कीय. प्रवर्तन निदेशालय ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि वह कहां तस्करी करने की कोशिश कर रही थी. गौरतलब है कि इसी महीने की 8 तारीख को भारतीय नागरिक गौतम रविशंकर के बैग में 41 लिफाफे मिले थे. संदेहास्पद, हवाई अड्डे पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने उसका बैग खोलने और उसकी जांच करने का फैसला किया।य.जांच करने पर लिफाफों को खोला गया तो उसमें बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा पाई गई थी,जो भारतीय कीमत में 9 करोड़ से ज्यादा था.

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •