नईदिल्ली। अखिल भारतीय ‘चकमा’ सामाजिक संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने कल यहां पूर्वोत्तर विकास राज्य मंत्री (स्वमतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यह मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यत मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और ‘चकमा’ प्रवासियों को नागरिकता अधिकारों की मंजूरी के लिए उनसे हस्तॉक्षेप करने की मांग की, जो उनके अनुसार पिछले लगभग 50 वर्षों से उन्हें नहीं दिया गया है। मंत्री को दिए एक ज्ञापन पत्र में प्रतिनिधिमंडल के सदस्योंष ने कहा कि 1964-68 की अवधि के दौरान लगभग 15 हजार चकमा तत्काोलीन पूर्वी पाकिस्ता9न के चटगांव पहाड़ी क्षेत्रों से पाकिस्ता्नी शासकों के उत्पी ड़न से बचने के लिए भाग आए थे। भारत में प्रवसन के बाद वे तत्कानलीन पूर्वोत्तीर फ्रंट एजेंसी (एनईएफए), जो वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश है, में बस गए। बहरहाल, प्रति‍निधिमंडल के सदस्योंट ने शिकायत की कि राष्ट्री य मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) बनाम अरुणाचल प्रदेश राज्यए एवं अन्यक के मामले में भारत के सर्वोच्चय न्याएयालय द्वारा 9 जनवरी, 2016 को जारी विशिष्टम निर्देशों के बावजूद अभी तक अरुणाचल प्रदेश में एक भी ‘चकमा’ प्रवासी को नागरिकता का अधिकार नहीं दिया गया है। बाद में एक अन्य याचिका के दायर किए जाने के बाद सर्वोच्चि न्यादयालय ने 17 सितंबर, 2016 को अपने निर्णय में भारत संघ एवं अरुणाचल प्रदेश राज्या को नागरिकता आवेदनों पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया।

ज्ञापन पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि नागरिकता के लिए आवेदन पत्र में निर्धारित मानदंडों को पूरा किए जाने के बावजूद एक भी चकमा प्रवासी की नागरिकता की मंजूरी के लिए अनुशंसा नहीं की गई है। उनके अनुसार, इसके परिणामस्व रूप चकमा पहचान साक्ष्यव के अभाव के कारण जो कि आवश्यहक है और वर्तमान सुरक्षा परिदृश्या के परिप्रेक्ष्यप में अपरिहार्य है, अपने गांवों से बाहर नहीं निकल पाते। ज्ञापन पत्र के हस्ता क्षरकर्ताओं ने मंत्री महोदय से हस्तbक्षेप करने की मांग करते हुए उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने एवं इसका शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) में दो विशेष अधिकारियों को नामित करने का आग्रह किया। डॉ. जितेन्द्रा सिंह ने प्रतिनिधिमंडल की बातें गौर से सुनीं और कहा कि वह इस मामले को गृह मंत्रालय के समक्ष रखेंगे और इस मुद्दे पर उनके विचार जानेंगे। प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सदस्योंद में अरुणाचल प्रदेश के श्री संतोष चकमा एवं श्री तेजांग चकमा तथा मिजोरम के श्री परितोष चकमा, श्री विक्टलर तालुकदार चकमा और श्री धनकुमार चकमा के नाम शामिल हैं।

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