कहा- शोभन अभी भी कानूनन मेरे पति हैं
बैशाखी को दूसरी औरत करार दिया

कोलकाता। राज्य के पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी द्वारा विजयदशमी के दिन सिंदूर खेला के दौरान अपनी महिला मित्र बैशाखी बनर्जी की मांग में सिंदूर लगाने पर शोभन की पत्नी रत्ना चटर्जी ने कहा कि हिंदू विवाह कानून के हिसाब से शोभन की पत्नी मैं हूं। इस तरह शोभन किसी को भी सिंदूर नहीं लगा सकते हैं। दशमी के दिन शोभन ने बैशाखी के माथे पर सिंदूर लगाया था, इस बात की जानकारी मिलते ही रत्ना ने अपनी प्रतिक्रिया दी तथा कहा कि तलाक न होने के बाद भी अगर कोई दूसरी स्त्री के साथ रहता है तो उस स्त्री को समाज दूसरी औरत ही कहता है। उसके माथे में सिंदूर लगाने से वह पत्नी नहीं बन सकती है। मालूम हो कि पिछले तीन साल से रत्ना और शोभन के तलाक पर मामला चल रहा है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है।वही शोभन के ससुर दुलाल दास ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा-‘किसी की मांग में सिंदूर लगा देने से ही क्या शादी हो जाती है? क्या वे पति-पत्नी हो गए हैं?’ उन्होंने आगे कहा-‘उन दोनों ने जो कदम उठाया है, उसे लेकर जो भी करना है, वह मेरी बेटी रत्ना चट्टोपाध्याय तय करेगी। उसे किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।’ गौरतलब है कि एक निजी टीवी चैनल की ओर से आयोजित किए गए सिंदूर खेला कार्यक्रम के दौरान शोभन ने बैशाखी की मांग में सिंदूर लगाया था। इसे लेकर रत्ना ने कहा-‘शोभन-बैशाखी जो मर्जी, वह कर रहे हैं लेकिन वे भूल गए हैं कि इस देश में अभी भी कानून है। शोभन अभी भी कानूनन मेरे पति हैं। दुर्गा प्रतिमा के पीछे एक बांस होता है। कानूनन जो भी करना होगा, वह मैं करूंगी।’ रत्ना ने आगे कहा-‘ दुर्गापूजा तो दूर की बात है। शोभन अपने बेटे-बेटी को उनके जन्मदिन पर भी शुभकामनाएं नहीं देते।’दूसरी ओर, बैशाखी ने कहा-‘बहुत से लोग बहुत सी बातें कर रहे हैं। कुछ लोगों ने सोचा था कि शोभन हमारे रिश्ते को स्वीकृति प्रदान नहीं करेंगे, लेकिन आज उन्होंने मेरी मांग में सिंदूर लगाकर वास्तव में इसे स्वीकृति प्रदान की हो। इस बार की विजयदशमी मेरे लिए वाकई बेहद यादगार हो गई है।’

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