भईया-भाभी ने बेटे की तरह की परवरिश

नई दिल्ली से जगदीश यादव

The Chief Justice of India, Shri Justice J.S. Khehar administering the oath of the office of the President of India to Shri Ram Nath Kovind at a swearing-in ceremony in the central hall of Parliament, in New Delhi on July 25, 2017.

आपलोगों ने भोजपुरी फिल्म नदिया के पार तो देखा होगा । जिसमें भाभी की ममता की कहानी पेश की गई है। लेकिन आपको बता दें कि इसी तरह की कहानी लगने वाली एक हकिकत से देश के चौदहवें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भी वास्ता रखतें हैं। देश के सर्वोच्च पद पर बैठें रामनाथ कोविंद को कानपुर के एक गांव से रायसीना हिल्स तक आने के पीछे उनकी बड़ी भाभी विद्यावती का कम योगदान नहीं रहा है। रामनाथ कोविंद के छोटे भाई प्यारेलाल ने बताया कि माता-पिता के स्वर्गवास के बाद हमारी बड़ी भाभी ने सात लोगों को पाल पोशकर बड़ा किया। वहीं रामनाथ कोविंद की भाभी ने बताया कि हमारे लल्ला ने बिटिया के मोबाइल पर दो दिन पहले फोनकर हमसे बात की थी। उन्होंने पहले आर्शीवाद लिया और फिर कहा कि भाभी आपका लल्ला देश का राष्ट्रपति बनने जा रहा है। तो क्या भाभी अपने लल्ला को आर्शीवाद देने के लिए नहीं आएगीं। हमने लल्ला से कहा जरूर आएंगे। लल्ला ने भईया की तस्वीर भी मंगवाइ, जिसे हम अपने साथ लेकर आये हैं। कोविंद की भाभी बताती हैं कि 2012 में कानपुर कार्डियोलॉजी में पति एडमिट थे। वो रामनाथ को देखने की बात बार-बार कह रहे थे। लल्ला को सूचना मिली तो वो दिल्ली से कार के जरिए ही निकल पड़े, सुबह अस्पताल पहुंचे। इनके बड़े भईया ने लल्ला के गोद पर दम तोड़ा। उस दिन लल्ला ने कहा था कि भाभी अब हम अनाथ हो गए। रामनाथ कोविंद की जब महज छह साल की थी, तब इनकी मां की जलकर मौत हो गई। कुछ साल बाद पिता मैकू का भी स्वर्गवास हो गया। तब सात लोगों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भाभी विध्यावती और बड़े भाई के कंधों पर आ गई। रामनाथ कोविंद का अपने बड़े भाई से गहरा रिश्ता था और वो ही इनके पढ़ाई लिखाई की जरूरतें पूरा किया करते थे। कोविंद जी की भाभी ने बताया कि जब लल्ला जेपी आंदोलन से जुडे और मोरारजी देसाई के साथ राजनीति की शुरुआत की तो हमारे पति ने गांव से पांच सौ लोगों को कानपुर ले गए। भाजपा से जब लल्ला को घाटमपुर से टिकट मिला तो इनके बड़े भईया ने चुनाव की व्यूह रचना की। बड़ी भाभी ने ही उनकी परवरिश की थी और वे रामनाथ कोविंद को लल्ला कह कर सम्बोधित करती हैं। रामनाथ कोविंद की भाभी विद्यावती उनकी पसंद का ख्याल रखते हुए अपने साथ ‘रसियाव’ और लड्डू ले आईं थी।उन्होंने कहा ‘मैं राष्ट्रपति भवन में कढ़ी भी बनाऊंगी, क्योंकि रामनाथ को कढ़ी बहुत पसंद है।’ बता दें कि वीआईपी कोटा से सीट सुनिश्चित होने के बाद कोविंद के परिवार के आठ सदस्य श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंचे थें। कोविंद को भाभी के हाथों की कढ़ी बहुत पसंद है। जब भी वे अपने गांव जाते है तो कढ़ी चावल जरुर खाते है।

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