कोलकाता। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने अपने ट्रंप कार्ड उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को चुनाव प्रचार के लिए उतारा है। भाजपा हिंदुत्व के बल पर त्रिपुरा फतह करना चाहती है। पार्टी यहां हिंदु वोटरों को लुभाने के लिए योगी का इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि योगी की इमेज एक कट्टरपंथी हिंदूवादी नेता की है। योगी का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है।बता दें कि त्रिपुरा में 25 साल से लेफ्ट की सरकार है और माणिक सरकार पिछले 20 साल से सीएम हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर यहां बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हो जाती है तो पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में भी इसका असर पड़ सकता है। क्योंकि त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में हिंदू बांग्लाभाषी की जनसंख्या अधिक है। जहां त्रिपुरा में 83.40 प्रतिशत हिंदू है वहीं पश्चिम बंगाल में 70.54 प्रतिशत हिंदू हैं। ऐसे में अगर त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनती है तो इसका असर बंगाल में होने वाले सभी चुनावों में पड़ेगा।बता दें कि त्रिपुरा में पहली बार भाजपा पूरे दमखम से मैदान में उतरी है। चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसलिए भाजपा के सभी स्टार नेता यहां रैली, रोड शो, जनसभाएं कर रहे हैं। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, हेमा मालिन, राजनाथ सिंह, समृति ईरानी, शाहनवाज हुसैन जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। पिछले साल संपन्न गुजरात चुनाव में योगी ने प्रचार में अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद सीएम योगी के बढ़ते कद को देखते हुए पार्टी ने अब उन्हें वामपंथियों के गढ़ त्रिपुरा में स्टार प्रचारक बनाया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि खुद वहां के नेताओं ने सीएम योगी की जनसभाओं के लिए मांग की थी।इस चुनाव में योगी इसलिए भी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि त्रिपुरा से उनका गहरा रिश्ता रहा हैं। योगी यहां पहले भी आते रहे हैं। वे यहां के नाथ संप्रदाय से जुड़े रहे हैं। दरअसल त्रिपुरा में 35 परसेंट बंगाली नाथ संप्रदाय के लोग हैं। यह वही नाथ संप्रदाय है जिसे सीएम योगी ने अपनाया है। गोरखपुर का गोरक्षनाथ मंदिर भी नाथ संप्रदाय का ही है। लिहाजा बीजेपी की रणनीति है कि इस वोट बैंक को सीएम योगी की रैलियों से साधा जाए। इसके अलावा नाथ संप्रदाय को जहां केंद्र में ओबीसी श्रेणी में रखा गया है, वहीं त्रिपुरा में यह सामान्य श्रेणी का ही हिस्सा है। यह भी एक वजह है कि त्रिपुरा बीजेपी सीएम योगी की रैलियों को लेकर उत्सुक है। बता दें कि उनकी इमानदारी, कठोर छवि और उनकी वेशभूषा लोगों के अन्दर उत्सुकता पैदा करती है। योगी आदित्यनाथ को देखने के लिए भी लोगों में उत्सुकता रहती है।बता दें कि योगी त्रिपुरा में दो दिवसीय चुनाव प्रचार के लिए आए। उन्होंने राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 8 रैलियां की हैं। इस चुनाव में बीजेपी कांग्रेस और लेफ्ट को कड़ी चुनौती दे रही है। त्रिपुरा में 18 फरवरी को चुनाव होने हैं और चुनाव परिणाम 3 मार्च को घोषित किए जाएंगे।

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