पटना। अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिये यह कहावत सटीक नहीं साबित हो रही है. कि लालू फिर भी राजा …। चारा घोटाले में दोषी करार देने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को रांची के बिरसा मुंडा जेल भेजा गया। सूत्र बताते हैं कि जेल में उनकी पहली रात बेचैनी के साथ गुजरी, उन्हें पूरी रात नींद नहीं आई। उन्होंने हल्का खाना खाया। खाने में आलू पालक की सब्जी और रोटी थी। सुबह उन्होंने चाय बिस्कुट खाई और जेल के बगीचे में वक्त बिताया। ऐसा कहा जा रहा है कि रविवार को उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जाएगा। लालू प्रसाद और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की किस्मत का कनेक्शन एक कमरे से जुड़ गया है। भ्रष्टाचार के आरोप में मधु कोड़ा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अपर डिवीजन सेल के जिस कॉटेज में साढ़े तीन साल रहे, उसी कॉटेज को शनिवार को लालू प्रसाद को आवंटित किया गया। लालू प्रसाद की बायीं तरफ अपर डिवीजन सेल के कॉटेज में ही जगदीश शर्मा और आरके राणा को भी कमरा आवंटित किया गया है। लालू 30 सितंबर से दिसंबर 2013 तक इस कॉटेज के कमरे में रह चुके हैं।दागी माननीय बने पड़ोसी: सेल में लालू के कॉटेज के बायीं तरफ झरिया विधायक संजीव सिंह का कॉटेज है। अपने ही चचेरे भाई और कांग्रेसी नेता नीरज सिंह की हत्या के आरोप में संजीव को यहां रखा गया है। दायीं तरफ के कॉटेज में पूर्व मंत्री रमेश सिंह हत्याकांड में पूर्व मंत्री राजा पीटर बंद है। जेल में अविनाश हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व विधायक सावना लकड़ा, कमल किशोर भगत, हरिनारायण राय भी लालू प्रसाद के पड़ोसियों में शामिल हैं।लालू को जेल लाए जाने के बाद उनके बेटे तेजस्वी यादव ने जेल प्रशासन से अंदर आने की अनुमति मांगी। तेजस्वी ने जेल प्रशासन से अनुरोध किया कि उनके पिता बुजुर्ग हैं, तबीयत भी ठीक नहीं रहती, ऐसे में उन्हें मिलने की अनुमति दी जाए। अनुमति मिलने के बाद वह जेल के अंदर आए। अपने पिता के साथ कुछ देर रहे। शाम ढलने के बाद लालू ने तेजस्वी से अपने अंदाज में कहा- जा बबुआ बहुत टाइम भ गईल बा। इसके बाद तेजस्वी परिसर से बाहर निकले।जेल के 3357 वें कैदी बने लालू: रांची जेल लाए जाने के बाद लालू 3357 वें कैदी बने। सजा सुनाए जाने के बाद अगर वह इसी जेल में रहते हैं, तो उन्हें नंबर भी आवंटित किया जाएगा।

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