आफरीन हक
रंगो से खेला जाता है,
रंगों को झेला जाता।
हर रंग से भरी है दुनिया,
रंगों का बाजार लगा।
किस रंग से तू बच पाएगा,
हर रंग यहां पर रंगीला।
हर रंग की अपनी कहानी है,
तू किस रंग में घुल जाएगा।
किस रंग से धोया जाएगा,
किस रंग में समाएगा।
रंगों का अपना मिजाज है ‘आफरीन’
यह तो वक्त ही बताएगा।