यह साल अब अपने तय उम्र के ढलान पर है। अगर इस साल इस देश के तमाम उपलब्धियां मिली तो हमने ऐसे सितारों को भी खोया जो कला जगत की अनमोल हस्तियां थी। इस साल मनोरंजन जगत से लेकर साहित्य जगत तक कई शख्सियतों ने दुनिया को अलविदा कह दिया, जिन्होंने अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम किया था. आइए जानते हैं उन हस्त‍ियों के बारे में जो गुजर जाने के बाद भी हमारी यादों में जिंदा रहेंगे…

शशि कपूर: हिंदी सिनेमा और रंगमंच के दिग्गज अभिनेता शशि‍ कपूर का 4 दिसंबर को 79 साल की उम्र में निधन हो गया. पिछले काफी समय से वे बीमार चल रहे थे. मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था. 60 और 70 के दशक में उन्होंने जब-जब फूल खिले, कन्यादान, शर्मीली, आ गले लग जा, रोटी कपड़ा और मकान, चोर मचाए शोर, दीवार कभी-कभी और फकीरा जैसी कई हिट फिल्में दी. साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. 2015 में उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका था.

ओम पुरी: 2017 की शुरुआत ने ही अभिनेता भी इस दुनिया से रुसखत हो गए. ओम पुरी का 66 साल की उम्र में 6 जनवरी को निधन हो गया. उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उनकी मौत की वजह पर विवाद हुआ. ओम पुरी ने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. ओम पुरी अभिनय के हर फन के माहिर माने जाते थे.

गिरिजा देवी: ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का 24 अक्टूबर की रात निधन हो गया. गिरिजा देवी को ठुमरी क्वीन के नाम से भी जाना जाता है. साल 1972 में गिरिजा देवी को पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 1989 में उन्हें पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

कुंदन शाह: मशहूर फिल्म डायरेक्टर और राइटर कुंदन शाह का 7 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उन्होंने मुंबई स्थित बांद्रा इलाके में अपने घर पर अंतिम सांस ली. कुंदन शाह 69 साल के थे. उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में और लोकप्रिय टीवी शोज बनाए थे.1983 की अपनी मोस्ट पॉपुलर फिल्म जाने भी दो यारों और टीवी सीरीज नुक्कड़ से मशहूर हुए. कुंदन शाह ने पुणे FTII से डायरेक्शन का कोर्स किया था.

शकीला: गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री शकीला का भी इस साल निधन हो गया है. वो 82 साल की थी. ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमा के दौरान उनका रुतबा किसी सुपरस्टार से कम नहीं था. वो गुरुदत्त के साथ आर-पार और सीआईडी फिल्मों में नजर आई थीं. वो बहुत ख़ूबसूरत थीं.

उस्ताद सईदुद्दीन डागर: प्रसिद्ध ध्रुपद गायक उस्ताद सईदुद्दीन डागर का 30 जुलाई को निधन हो गया है. उनका संक्षिप्त बीमारी के बाद एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. अलवर में 20 अप्रैल 1939 को प्रख्यात शास्त्रीय गायकों के घराने में सईदुद्दीन का जन्म हुआ था. उनके परिवार को हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिकी के एक आयाम ध्रुपद के लिये जाना जाता था.

रीमा लागू: बॉलीवुड की स्टार मॉम रीमा लागू 17 मई को 59 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गईं. फिल्मों में एक सशक्त मां का किरदार निभाने वाली रीमा लागू ने यूं तो कई चुनिंदा फिल्मों में काम किया लेकिन फिल्म ‘वास्तव’ में उनके काम को खूब सराहा गया. फिल्म ‘मैंने प्यार किया’, ‘आशिकी’, ‘साजन’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘वास्तव’, ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘हम साथ साथ हैं’ जैसी कई फिल्मों में रीमा मां का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया गया.

विनोद खन्ना: विनोद खन्ना का 27 अप्रैल को निधन हो गया. वे 70 साल के थे. पिछले कुछ दिनों से वे कैंसर से जूझ रहे थे. गुरुदासपुर से सांसद खन्ना ने मुंबई के रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में अंतिम सांस ली. विनोद खन्ना का निधन ब्लैडर कैंसर की वजह से हुआ. विनोद खन्ना ने 1971 में सोलो लीड रोल में फिल्म ‘हम तुम और वो’ में काम किया था.

टॉम ऑल्टर: जाने-माने एक्टर टॉम ऑल्टर का 29 सितंबर को निधन हो गया है, वे कैंसर से जूझ रहे थे. टॉम को एक प्रकार का स्किन कैंसर था. ऑल्टर कैंसर की चौथी स्टेज में थे. मुंबई के सैफी अस्पताल में इनका इलाज चल रहा था. 67 साल की उम्र में निधन हो गया है. टॉम ऑल्टर ने सिर्फ टीवी और फिल्मों में ही नहीं, थियेटर में भी लंबे समय तक काम किया है. 1980 से 1990 के दौरान टॉम एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे हैं.

इंदर कुमार: सलमान खान के करीबी दोस्त और फिल्म व टीवी एक्टर इंदर कुमार कर निधन 28 जुलाई को हो गया. 44 साल के इस एक्टर को आधी रात दिल का दौरा पड़ा था. उस समय वह मुंबई के अंधेरी स्थि‍त अपने घर पर थे. इंदर कुमार ने 90 के दशक से अपना करियर शुरू किया था. वह अक्षय कुमार के साथ खिलाड़ियों के खिलाड़ी तो सलमान खान के साथ वॉन्टेड में नजर आए थे.

नीरज वोरा: एक्टर और फिल्ममेकर नीरज वोरा का निधन 14 दिसंबर 2017 में सुबह 4 बजे हो गया था. बता दें कि नीरज ने ‘फिर हेराफेरी’, ‘खिलाड़ी 420’ जैसी फिल्‍म निर्देशित की थी. वे थिएटर में भी सक्रिय थे. उन्होंने गुजराती प्‍ले आफ्टरनून भी किया था. सके अलावा नीरज राइटर भी थे. उन्‍होंने ‘रंगीला’, ‘अकेले हम अकेले तुम’, ‘ताल’, ‘जोश’, ‘बदमाश’, ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’, ‘आवारा पागल दीवाना’ जैसी फिल्‍मों के संवाद लिखे थे.

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