कोलकाता। अधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हुए व राज्य में पहली बार भाजपा के मंच पर मुकुल राय ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष प्रदेश में अपना कैप्टन स्वीकार कर लिया है। साथ ही राज्य में कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंबर दो रहे मुकुल राय 10 नवम्बर को महानगर के धर्मतल्ला इलाके में उनके खिलाफ होने वाली रैली से ही अपनी भगवा पारी की शुरुआत करेंगे। वैसे इसका संकेत भी उन्होंने आज प्रेसवार्ता में दे दिया है। हलांकि बता दें कि भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए 10 नवंबर को सभा करने का फैसला तो महीने भर पहले ही किया था, लेकिन मुकुल के भाजपा का दामन थाम लेने के बाद अब उनको ही इस सभा का मुख्य वक्ता बना दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी से दूरी बढ़ने के बावजूद मुकुल ने अब तक उनके खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है। अब देखना यह है कि सभा में वे कितना हमलावर रुख अपनाते हैं।
प्रस्तावित सभा में कम से कम एक केंद्रीय मंत्री के अलावा असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के भी शामिल होने की बात है। बदले समीकरणों के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश नेतृत्व को मुकुल रॉय की इस पहली जनसभा के दौरान भारी भीड़ जुटाने का निर्देश दिया है। भाजपा में शामिल होने के बाद मुकुल राय सोमवार को पहली बार प्रदेश भाजपा कार्यालय आये थें। उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर भाजपाइयों की भीड़ भी उमड़ी। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मुकुल रॉय के अभिनंदन की तैयारियां भी जोरों पर की गई थी। वैसे, प्रदेश नेताओं का एक गुट मुकुल के पार्टी में शामिल होने से खुश नहीं है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व का निर्देश मानना उनकी मजबूरी है। राय भी इस बात को बखूबी समझते हैं। यही वजह है कि शुक्रवार को पार्टी में शामिल होने के बाद से ही वे प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से लेकर तमाम प्रमुख नेताओं से फोन पर बातचीत करते रहें।

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