कहा, बंगाल में परिवर्तन होकर ही रहेगा

प्रदेश में होगी बीजेपी की अगली सरकार

mkकोलकाता। तृणमूल को छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके मुकुल राय ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में कहा कि इस राज्य में दिलीप घोष उनके कैप्टन हैं तो अमित साह नैशनल कैप्टन हैं। मीडिया कर्मियों से भाजपा कार्यालय में बात करते हुए मुकुल राय ने कहा कि बंगाल में बीजेपी एक बार फिर लोकतंत्र की को वापस लाएगी।जबकि मुकुल राय के साथ बैठे प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्य की राजनीति में भूकम्प आया है। मुकुल के साथ भाजपा का सम्पर्क नया नही है।मुकुल राय ने कहा कि राज्य में जिस परिवर्तन की उम्मीद की गई थी वैसा नहीं हुआ। जो लोग परिवर्तन की उम्मीद करते हैं वह भाजपा में आ जाये। यही एक ऐसी पार्टी है जो बंगाल में आनेवाले समय में सरकार बनाएगी। राय ने कहा कि वह काफी कुछ कहना चाहते हैं लेकिन आज वह विशेष कुछ नहीं बोलेगें। मुझे जो कहना है वह मै 10 नवम्बर को महानगर में आयोजित भाजपा की सभा में बोलेंगे। लेकिन यह जरुर कहना चाहते हैं कि बीजेपी अपने अभिष्ट लक्ष्य के करीब आ गई है। मुकुल राय ने कहा कि वह किसी भी हाल में इस राज्य में परिवर्तन के लिये उत्सुक हैं और उनके साथ लोगों का प्यार भी है। राय ने अपने स्वागत से अभिभूत होते हुए कहा कि जिस तरह से रास्ते में आने के दौरान आमलोगों का उन्हें प्यार मिला इससे वह अभिभूत हैं । उन्होंने कहा कि वह दिलीप घोष के अधीन रहकर ही राज्य में पार्टी के लिये काम करेंगे। भाजपा में शामिल होने के बाद मुकुल राय सोमवार को पहली बार प्रदेश भाजपा कार्यालय आये थें। उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर भाजपाइयों की भीड़ भी उमड़ी।  केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मुकुल राय के अभिनंदन की तैयारियां भी जोरों पर की गई थी। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता मुकुल राय भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के तीन दिन बाद सोमवार को नई दिल्ली से कोलकाता लौटे। राय अपने समर्थकों के बीच अपराह्न् करीब 1.30 बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से बाहर निकले।  राय का स्वागत करने के लिए हवाईअड्डे पर भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के कई कार्यकर्ता मौजूद थे।लगभग एक सौ वहनों का काफीला उनके साथ था तो मोटर साइकिलों की लम्बी कतारे भी उनके साथ चल रही थी। यहां से रॉय सीधे भाजपा मुख्यालय पहुंचे। तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक राय ने वैचारिक मतभेदों का हवाला देते हुए 25 सितंबर को पार्टी छोड़ दी थी और 11 अक्टूबर को राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। वह केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में तीन नवंबर को भाजपा में शामिल हो गए थे।

 

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