कहीं हो ना जाये लालू जैसा हाल?

कोलकाता। हमेशा भाई भतीजावाद का विरोध करने वाली ममता बनर्जी अपने सांसद भतीजे के कारण सवालों के घेरे में हैं। उसी तरह से जिस तरह बेटे तेजस्वी प्रसाद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण लालू प्रसाद यादव को काफी मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं। अब पश्चिम बंगाल की राजनीति भी इसी तर्ज पर आगे बढ़ती नजर आ रही है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार संबंधी आरोप हैं। ममता बनर्जी को भी अपने भतीजे के कारण इसी तरह की जांच का सामना करना पड़ सकता है। विपक्षी दल भी इसी तरह की तैयारियां करते दिख रहे हैं। कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि वह इस मामले को संसद में उठाएंगे। मामले पर माकपा का कहना है कि इस तरह के घोटाले तो बंगाल में आम हो गए हैं।
एक गैर सरकारी न्युज चैनल के दावे को माने तो चैनल के पास कुछ ऐसे कागजात हासिल हैं जिनसे अभिषेक की कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड’ से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां हाथ आई हैं। इनसे संकेत मिलता है कि अभिषेक की कंपनी को राज किशोर मोदी नाम के एक शख्स ने भुगतान किया। बताया जा रहा है कि राज किशोर मोदी जमीन की सौदेबाजी का काम करता है। उसपर जमीन हथियाने और हत्या की कोशिश में शामिल होने जैसे आपराधिक आरोप हैं और उसके खिलाफ जांच भी चल रही है। कागजातों से पता चलता है कि राज किशोर ने लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड में डेढ़ करोड़ रुपयों से ज्यादा का निवेश किया।
आरोप है कि अभिषेक जब इस कंपनी के डायरेक्टर थे, तब उन्हें कमिशन भी दिया गया था। दिलचस्प यह है कि साल 2009 में खुद ममता बनर्जी ने ही राज किशोर को गिरफ्तार किए जाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था। खबरों के अनुासार 2012 और 2013 में अभिषेक और राज किशोर के बीच एक कॉमन लिंक था। इस शख्स का नाम अशोक तुलस्यान था। अशोक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट था। अशोक न केवल राज किशोर की कंपनी ‘ग्रीन टेक सिटी प्राइवेट लिमिटेड’ के डायरेक्टर्स में से एक था, बल्कि अभिषेक बनर्जी की कंपनी में भी वह एक ऑडिटर था।
इस पूरे मामले में ममता बनर्जी के लिए कई चीजें परेशानी का कारण बन सकती हैं। अभिषेक की कंपनी के निदेशक, जिनमें अभिषेक की पत्नी भी शामिल हैं, मुख्यमंत्री बनर्जी के आधिकारिक निवास ’30 बी, हरिश चटर्जी रोड, कोलकाता’ में रहते हुए दिखाए गए हैं। बताया गया है कि ये सभी सीएम आवास में ही रहते हैं। यह कागजात अभिषेक पर लग रहे आरोपों को ममता के करीब ले आया है। अभिषेक 2014 में सांसद बने। इससे पहले तक वह ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री आवास में ही रह रहे थे। सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स’ के निदेशक पद से इस्तीफा दिया था। तृणमूल कांग्रेस ने इन कागजातों पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पार्टी के सांसद सुगाता रॉय ने टाइम्स नाउ से कहा, ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझे ऐसा लगता है कि ये सारे आरोप गलत हैं।’ उधर कांग्रेस और माकपाने इस मामले को संसद में उठाने की बात कही है।
कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि जिस पत्रकार ने इस खबर का खुलासा किया है, वह सुरक्षित है।’ लोकसभा में माकपा के सांसद मुहम्मद सलीम ने कहा, ‘इस मामले में किसी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी, इसकी संभावना बहुत कम ही है। बल्कि इस खबर को दिखाए जाने के बाद चैनल के खिलाफ ही कोई कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। हमारी मांग है कि यह मामला प्रवर्तन विभाग को सौंप दिया जाए।’ मालूम हो कि इस रिपोर्ट को ब्रेक करने से कुछ ही मिनट पहले चैनल के पत्रकार तामल साहा को कोलकाता पुलिस ने नोटिस भेजा। साहा को सब-इंस्पेक्टर एच दलपति के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •