मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग की राज्य सरकार को चुनौती
सरकारी दफ्तरों, नगर निगमों और बैकों के शट-डाउन का आह्वान
पर्यटकों से पहाड़ से जाने की सलाह

दार्जिलिंग। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की ओर से बुलाये गये 12 घंटे के बंद के एक दिन बाद यहां का जनजीवन फिर से सामान्य हो रहा है। लोग अपने रोजमर्रा के काम पर लौट रहे हैं और नियमित रूप से शनिवार से ही यहां के होटल, दुकानें, खाने-पीने की दुकानें और बाजार खुले रहे। लेकिन जिस तरह से गोरखालैण्ड की आग एक बार फिर धधकी है इसे देखकर लग रहा है पहाड़ से शांति फिलहाल रुठ गई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा समर्थकों और पुलिस के बीच हुई हिंसा के बाद, जीजेएम युवा मार्चा ने कल पहाड़ी क्षेत्र के विद्यालयों में बांग्ला भाषा अनिवार्य किये जाने और अलग गोरखालैंड के विरोध समेत अन्य मुद्दों पर बंद का आह्वान किया था। मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग ने धमकी भरे लहजे में कहा कि बाहर से आये सैलानी पहाड़ छोड़ दें। कारण अगर मोर्चा के लोग सड़कों पर उतरेगें और उन्हें रोका जाएगा तो हम भी चुप नहीं पहेंगे।एक दिनी बंद के बाद अब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने अनिश्चित कालिन तक सरकारी दफ्तरों, नगरनिगमों और बैकों के शट-डाउन का आह्वान किया है जिसकी शुरुआत सोमवार को होगी। इससे ऐसा लग रहा है कि 2008 के गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के दिनों को फिर से वापस लाने की कोशिश की जा रही है, जब लोग राज्य सरकार को टैक्स नहीं दे रहे थे और वाहनों में डब्लुबी (पश्चिम बंगाल) की जगह जीएल (गोरखालैंड) का इस्तेमाल किया जा रहा था।
इधर देर तक चलाये गये गिरफ्तारी अभियान में पांच मोर्चा समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। परिवहन की सुविधा शुरु होने के बाद दार्जिलिंग में धीरे धीरे पर्यटकों का आना फिर से शुरू हो गया है। हालांकि अनेक होटल मालिकों ने बताया कि उनके पास बुकिंग रद्द करने के लिये अनेक पर्यटकों के फोन आ रहे हैं। माल इलाके के करीब एक होटल के प्रबंधक शिबशंकर मजूमदार ने बताया, ‘पर्यटकों के लिहाज से यह सबसे अच्छा समय है और हमने यहां पर्यटकों के आने की कमी देखी है, यदि पर्यटकों के आने में कमी बनी रहती है, तो हमारा कारोबार डूब जाएगा, क्योंकि आजीविका के लिये हम पर्यटकों के इसी मौसम पर निर्भर हैं। ‘ पहाड़ी पर्यटक स्थल में हिंसा के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध करायी गयी मुफ्त बस सेवा से अनेक पर्यटक कोलकाता पहुंच चुके हैं।

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