जत्थे में दिखता रहा श्रद्धांलुओं का रेला
दो हजार से ज्यादा श्रद्धांलु लापता
किले में तब्दील हुआ श्री हरि कपिल क्षेत्र
हेलिकप्टर, ड्रोन सहित हर स्तर से निगरानी
संगीनों के साये में श्रद्धांलुओं की सुरक्षा

सागरद्वीप से जगदीश यादव/फिरोज/रमेश/ जाकिर
सागरद्वीप। हिंदुओं के लिये जन आस्था का केन्द्र बने गंगा व सागर के संगम में अबतक लगभग 27 लाख तीर्थयात्रयों  के  मकर सक्रांति पर पुण्य स्नान करने की जानकारी पुलिस, प्रशासन व गैर सरकारी सूत्रों के द्वारा की दी गई है। वैसे उक्त बात का दावा  पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में देर शाम को दी। उन्होंने कहा कि अभीतक 26 से 2 लाख पुण्यार्थियों ने सागर में डुबकी लगाई है और भी लोग आ रहें हैं। वैसे गैर सरकारी सूत्रों ने बताया  कि सागरद्वीप में  इस साल कुम्भ के के कारण लोग कम ही आये हैं। बता दें कि जनआस्था का सैलाब 12 जनववरी की सुबह से उमड़ना शुरु हुआ था और मंगलवार की देर रात भर स्नान का क्रम चलता रहा। उक्त पुण्यार्थियों में इस राज्य से कम देश-विदेश के विभिन्न भागों से आये तीर्थयात्री थें।  पुण्यार्थियों ने  भगवान सूर्य की पूजा के साथ ही  सागर तट गउ दान- किया। राज्य के पंचायत मंत्री ने बताया की अभी तक सागर मेले में अभी तक किसी के मौत की खबर उनके पास नही है। 40 अपराधिक तत्व चोरी, पाकेटमारी सह अन्य  मामलों में गिरफ्तार किये गये हैं। सरकारी अधिकारिक सूत्रों के अनुसार अबतक 87 लोग लापता हुए है। जबकि बजरंग परिषद के संयुक्त सचिव हरिनारायण दुबे व मेला प्रभारी प्रेमनाथ दुबे व ने बताया कि  मेले में अबतक लगभग 2300 लोग लोग लापता हो गये थें जिनमें 1500 से ज्यादा तीर्थयात्रियों को उनके परिजनों से मिलवा दिया गया है जबकि बचे लोग अभी  भी अपने परिजनों से मिल नहीं सकें हैं। जबकि मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि इस साल मात्र 87 लोग लापता हुए है। रात भर सागरद्वीप के दौरे के दौरान यह देखा गया कि देर  रात भर तीर्थयात्री जत्थे के शक्ल में मोक्ष भूमि में कदम रखते रहें तो ऐसे लोगों की भी संख्या कम नहीं थी जो स्नान कर अपने गंतव्य स्थलों की ओर जाने के लिये बेताब थें। रात के गहराने के साथ ही सागर तट पर भीड़ बढ़ती रही। मकर संक्रांति का पुण्यकाल के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहा ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। पुण्य स्नान के दौरान लगातार पुलिस सह सेना के जवानों को व्यवस्था को बनाये रखने के लिये ठंड के मौसम में भी मशक्कत करते देखा गया। वहीं सीसीटीवी कैमरों व ड्रोन से भी भीड़ पर नजर रखी ।आज देर शाम पुण्य स्नान व कपिलमुनि के दर्शन के बाद थके कदमों से पुण्यार्थियों का जत्था अपने गंतव्य स्थल की ओर रवाना होते रहें। तो इन्हें जाते देखकर सागर मेले में दुकानदारों के चेहरे पर शिकन भी पड़ता रहा। कारण इनके कारण ही कुछ दिनों तक उनकी चांदी कटी थी। इस दिन दोपहर दो बजे के बाद लोगों से अटा दिख रहें मोक्ष भूमि में सन्नाटा पसरने लगा था।सागरद्वीप से 60 प्रतिशत लोग जा चुके थें । उल्लेखनीय है कि गंगासागर मेला भारत के सबसे बड़े मेलों में से एक है। इसका आयोजन पश्चिम बंगाल में कोलकाता के निकट उस स्थान पर किया जाता है जहां गंगा नदी बंगाल की खाड़ी यानी समुन्द्र में  में मिलती है। यही कारण है सागरद्वीप को  गंगासागर कहते है। यहा हर साल मकर संक्रांति अवसर पर मेला आयोजित होता है।कपिल मुनि मंदिर के महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी को महंत संजय दास ने केन्द्र के मोदी सरकार को आडे़ हाथ लेते हुए कहा कि केन्द्र सरकार का रवैया सौतेला है। अगर यहां केन्द्र सरकार मुड़ी गंगा पर सेतू बनवा देती तो यहां की रौनक ही कुछ और होती लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने स्तर पर यहां के विकास के लिये व्यापक कार्य कर रही है। वह कउद चाहती है कि यहां सेतू बन जाये ताकि लोगों को श्रीहरि के अवतार कपिल मुनि का दर्शन काफी सुलभ हो जाये।

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