एक परिपक्व राष्ट्र को इस सच का सामना करना चाहिए’

कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रिश्तेदार व पूर्व सांसद कृष्णा बोस ने एक बार फिर दोहराया है कि नेता जी अब हमारे बीच नहीं रहें हैं। कृष्णा बोस ने शुक्रवार को कहा कि भारत को 1945 की विमान दुर्घटना में क्रांतिकारी की मौत के सच को स्वीकार करना चाहिए और देश को उनके जीवन और आदर्शो पर गौर करना चाहिए।
बोस केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एक आरटीआई आवेदन पर दिए गए बयानों का जिक्र कर रही थीं, जिसमें कहा गया था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत 1945 में ताइवान में हुई एक विमान दुर्घटना में हुई थी।बोस ने कहा कि उपलब्ध दस्तावेजों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों को देखते हुए, हम लंबे समय से जानते हैं कि यह सच है। अंतत: यह सच है। यह हमारे लिए एक त्रासदी है, हमने उन्हें खोया है, लेकिन हम एक परिपक्व राष्ट्र हैं और हमें इसका सामना करना चाहिए।
आरटीआई के तहत आए जवाब को सत्यापित करते हुए तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद ने कहा कि उनकी मृत्यु के बारे में बातचीत के करने के बदले उनके आदर्शो और उनके जीवन के बारे में बात करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी बच्चे से पूछते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस कौन थे, और यदि वह कहता है कि वह एक ऐसे शख्स थे, जिनकी मृत्यु रहस्यमय है, तो मुझे दुख होगा। बोस ने कहा कि हम सभी उनके आदर्शो के बारे में सोचें और बात करें, न कि हमेशा उनकी मृत्यु के बारे में बात करें। हमारे देश के युवाओं के समक्ष यही प्रस्तुत किया जाना चाहिए। बोस द्वारा स्थापित अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक ने कहा है कि केंद्र सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए और तुरंत बयान वापस लेना चाहिए। पार्टी ने इस बयान के खिलाफ तीन दिवसीय विरोध का भी आह्वान किया है।
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