कोलकाता। देर आयद लेकिन दुरुस्त आये। अगर इरादा नेक हो तो कोई भी किसी को किसी भी कार्य से नहीं रोक सकता है महानगर के एक मानसिक अस्पताल में मानसिक रोगियों के रोजगार के लिए एक लॉन्डरी की शुरुआत की गई है। इसकी मदद से मानसिक रुप से विक्षिप्त लोग अपने पैरों पर खड़े होकर अपना जीवनयापन कर सकते हैं। इस लॉन्डरी सिस्टम का नाम धोबी-घर है जिसे कलकत्ता के पवलेव अस्पताल में शुरु किया गया है। इसका उद्घाटन प. बंगाल की समाज कल्याण मंत्री शशि पांजा ने किया। पांजा ने कहा कि ये कदम मानसिक रोगियों के सशक्तिकरण और आजीविका के लिए है। ऐसा कदम आपको भारत में और कहीं भी नहीं मिलेगा।  यह प्रोजेक्ट अंजली संस्था ने शुरु किया है और स्पर्श फाउंडेशन इसका टेक्निकल पार्टनर है। अंजली की फाउंडर रत्नाबोली रे ने कहा कि ये लॉन्डरी लोगों के इस भ्रम को तोड़ेगी कि मानसिक रुप से विक्षिप्त लोग अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते।

 

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