अराध्य देवी की अराधना में मग्न हुए भक्त

जयदीप यादव
कोलकाता।बसंत पंचमी के अवसर पर आज महानगर कोलकाता स्थित बड़ाबाजार, भवानीपुर, कालीघाट, हाजरा, गार्डेनरीच, मटियाबुर्ज सहित विभिन्न स्कूल, कालेजों और शैक्षणिक संस्थानों में वीणावादिनी की पूजा-अर्चना विधि विधान से की गई। धूप-दीप की भीनी-भीनी खुशबू के बीच वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण भक्तिमय हो उठा।साथ ही विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यकर्मों का आयोजन किया गया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर मां हंसवाहिनी की महिमा का गुणगान किया गया।पोर्ट अंचल के खिदिरपुर के मनसातल्ला स्थित लाजपत हिन्दी हाई स्कूल (हायर सेकेण्डरी) के प्रधान अध्यापक चंद्रधर उपाध्याय व शिक्षक प्रकाश सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि दुनिया ज्ञान के बिना नहीं चल सकती है।स्कूल में माता का पूजन हुआ और अध्यापक भाष्कर तिवारी सहित बच्चों ने अराध्य देवी का पूजन किया। चंद्रधर उपाध्याय व शिक्षक प्रकाश सिंह ने कहा कि, बसंत पंचमी का दिन हमारी अराध्यदेवी के पूजन व वंदन का दिन है जिसका हमलोग अधिरता से इंतजार करते हैं। प्रकाश सिंह ने बताया कि श्रीदेवीभागवत और श्रीदुर्गा सप्तशती में भी आद्याशक्ति द्वारा अपने आपको तीन भागों में विभक्त करने की कथा है। आद्याशक्ति के ये तीनों रूप महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के नाम से संसार में जाने जाते हैं।शायद यही कारण है कि माता सरस्वती की अराधना देवी सप्तसती में, या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ तौर पर की गयी है, यानी जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। आपको मेरा बार-बार प्रणाम है।

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